वसुंधरा राजे का राजस्थान की राजनीति में बहुत ही बड़ा योगदान रहा है। वहीं, वसुंधरा राजे ने झालरापाटन सीट से पहली बार वर्ष 2003 में अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ा था और 27375 वोटों से जीत हासिल करके पहली बार राजस्थान की मुख्यमंत्री बनी थीं। इसके बाद वे लगातार चार बार झालरापाटन सीट से विधायक बनती आ रही हैं। वहीं, इस बार कांग्रेस ने यहां से रामलाल चौहान को मैदान में उतारा है। रामलाल पीसीसी मेंबर के साथ प्रधान भी रह चुके हैं।
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वहीं, अगर 2018 विधानसभा चुनाव की बात करें तो झालरापाटन सीट से वसुंधरा राजे ने 34 हजार 980 वोटों से कांग्रेस के मानवेंद्र सिंह को हराया था। इस चुनाव में वसुंधरा राजे को 1 लाख 16 हजार 484 और कांग्रेस प्रत्यासी मानवेंद्र सिंह को 81 हजार 504 वोट मिले थे। इस बार भी झालरापाटन सीट पर रिकॉर्ड वोटिंग हुई है।
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दरअसल, झालावाड़ वसुंधरा राजे का गढ़ माना जाता है। इसी लोकसभा क्षेत्र में झालरापाटन सीट है। वहीं, वसुंधरा राजे इस लोकसभा सीट से लगातार पांच बार सांसद रही हैं और उनके बाद इस सीट से उनके पुत्र दुष्यंत सिंह तीन बार से चुनाव जीतते आ रहे हैं। वहीं, वसुंधरा राजे झालरापाटन सीट से लगातार 2003 से विधायक का चुनाव जीतती आ रही हैं। उनके विजय रथ को रोकने के लिए कांग्रेस कई प्रयोग कर चुकी है लेकिन, कामयाबी नहीं मिल सकी है।