TrendingVladimir PutinSwaraj Kaushalparliament winter session

---विज्ञापन---

Udaipurwati, Rajasthan Assembly Election Result 2023 Live: अबतक के रुझानों में BJP आगे, BSP पीछे

Rajasthan Assembly Election Result 2023 Live: राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के परिणाम जारी हो चुके हैं। यहां जानें झुंझुनूं की उदयपुरवाटी सीट का हाल।

Rajendra singh Gudha
Rajasthan Assembly Election Result 2023 Live: राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 की मतगणना चल रही है और अब तक के रुझानों में Bjp ने बढ़त बनाई हुई है। वोटिंग 17 नवंबर को हुई थी। कुछ ही घंटों में चुनाव के नतीजे सामने होंगे। राज्य में किसकी सरकार बनेगी इस सवाल के बीच प्रदेश की कुछ सीटें ऐसी हैं जिस पर सभी की निगाहें टिकी हैं। ऐसी ही एक सीट है झुंझुनूं की उदयपुरवाटी। इस सीट गहलोत सरकार के पूर्व सैनिक कल्याण मंत्री झुंझुनूं की उदयपुरवाटी सीट से शिवसेना के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। यहां उनका मुकाबला भाजपा के शुभकरण चौधरी और कांग्रेस के भगवानाराम सैनी से है। अब तक के रूझानों में वे कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवारों से आगे चल रहे हैं। लेटेस्ट अपडेट के लिए यहां देखें..

एक नजर में राजेंद्र सिंह गुढ़ा 

राजेंद्र सिंह गुढ़ा निवर्तमान गहलोत सरकार में लगातार सुर्खियों में रहे। सरकार बनने के बाद वे पायलट के बगावत करने वाले विधायकों में शािमल थे तो उसके बाद सीएम गहलोत ने उनको मंत्रिमंडल में स्थान देकर सैनिक कल्याण विभाग सौंपा। इसके बाद लाल डायरी को लेकर चर्चा में रहे। उन्होंने दावा किया कि इस लाल डायरी में कांग्रेस सरकार के काले कारनामे दर्ज है। इसके कुछ तथ्यों को उन्होंने मीडिया के जरिये सार्वजनिक किया था। उदयपुरवाटी से चुनाव लड़ रहे गुढ़ा का जन्म हनुमानगढ़ के पीलीबंगा में 19 जुलाई 1968 को हुआ था। इन्होंने 12वीं तक शिक्षा प्राप्त की। गुढ़ा के राजनीति में आने से पहले इनके बड़े भाई रणवीर सिंह 2003 में एलजेपी से विधायक भी रह चुके हैं। इसके बाद 2008 में गुढ़ा राजनीति में आए। यहां उन्होंने बसपा के टिकट पर भाजपा के मदनलाल सैनी और कांगेस के विजेंद्र सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा था। यहां उन्होंने 8 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी।

सबसे बड़े पलटू राम हैं गुढ़ा

इसके बाद वे बसपा में चले गए। 2013 में कांग्रेस के टिकट पर वे उदयपुरवाटी से चुनाव लड़े लेकिन हार गए। इसके बाद 2018 में पार्टी ने उनका टिकट काटा तो फिर से बसपा में चले गए और चुनाव जीते। लेकिन एक बार फिर गुढ़ा ने बसपा को दगा दिया और कांग्रेस में शामिल हो गए। इसक बाद गहलोत सरकार ने उन्हें सैनिक कल्याण मंत्री बनाया लेकिन लाल डायरी प्रकरण में इनकी कुर्सी चली गई। चुनाव से पहले शिवसेना (शिंदे गुट) पार्टी ज्वाॅइन कर ली। फिलहाल वे शिवसेना की ओर से चुनाव मैदान में हैं।


Topics:

---विज्ञापन---