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Rajasthan Weather Update: मौसम विभाग ने प्रदेश में जारी किया येलो अलर्ट, इन जिलों में होगी भारी बारिश

Rajasthan Weather Update: राजस्थान में पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से मौसम एक बार फिर बदल गया है। बारिश से तापमान में गिरावट दर्ज की गई। मौसम विभाग के मुताबिक आज जयपुर, अजमेर, अलवर, बारां, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, दौसा में बारिश होगी। इसके साथ ही मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में होगी […]

Rajasthan Weather Update: राजस्थान में पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से मौसम एक बार फिर बदल गया है। बारिश से तापमान में गिरावट दर्ज की गई। मौसम विभाग के मुताबिक आज जयपुर, अजमेर, अलवर, बारां, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, दौसा में बारिश होगी। इसके साथ ही मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है।

इन जिलों में होगी बारिश

मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर के मुताबिक जयपुर, दौसा, अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, टोंक, बूंदी, बारां, झालावाड़, चूरू,सीकर, नागौर, बीकानेर, बाडमेर, अजमेर, भीलवाड़ा, पाली, उदयपुर,बांसवाड़ा जिलों और आसपास के क्षेत्रों में कहीं-कहीं पर मेघगर्जन के साथ हल्की वर्षा होने की संभावना है।

गुरुवार को इन जिलों में हुई बारिश

बता दें कि राजस्थान में हाल ही में पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव हुआ है। दक्षिणी राजस्थान में तेज हवाओं के साथ कई इलाकों में हल्की बूंदाबांदी भी जारी है। जोधपुर संभाग के कई इलाकाें में बादल छाए रहने के साथ हल्की बूंदाबांदी भी हुई। वहीं पिछले 24 घंटे में बांसवाड़ा में 14मिमी., भीलवाड़ा में 12 मिमी., झालावाड़ में 11 मिमी. के साथ ही अन्य कई जगहों पर 9 मिमी. से 1 मिमी. तक बारिश दर्ज की गई है। इसके अलावा में उदयपुर में 9 मिमी., जैसलमेर में 4.4 मिमी में बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग की मानें तो बीते 24 घंटों में राजस्थान के अधिकतर इलाकों में तापमान 40.2 डिग्री सेल्सियस से लेकर 34.6 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज हुआ।

क्या है पश्चिमी विक्षोभ?

पश्चिमी विक्षोभ यानि वेस्टर्न डिस्टर्बन्स भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी इलाक़ों में सर्दियों के मौसम में आने वाला तूफान है जो उत्तर, भारत, पाकिस्तान, नेपाल से गुजरते हुए इनके दायरे में आने वाले वायुमंडल की ऊंची तहों में भूमध्य सागर, अन्ध महासागर और कुछ हद तक कैस्पियन सागर से नमी लाता है। मौसम में बदलाव आता है। ऐसी स्थिति अभी बनी हुई है, इसी का असर बालोद के मौसम पर भी पड़ रहा है। हवा के ऊपरी भाग में चक्रवाती हवा का घेरा बनता है। यह अफगानिस्तान-पाकिस्तान से कश्मीर-हिमाचल व उत्तराखंड तक पहुंचता है।


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