Rajasthan News: फिल्मों में आपने कई अभिनेताओं को पुलिस अधिकारी का किरदार निभाते हुए देखा होगा। अमिताभ बच्चन से सनी देओल, अक्षय कुमार, सलमान खान, अजय देवगन तक तमाम सितारों ने रील लाइफ में पुलिस अधिकारी के कई सुपरहिट किरदार निभाए हैं। लेकिन फिल्मों में पुलिस अधिकारी के किरदार जितने सरल दिखा दिए जाते हैं, असल में ऐसा नहीं होता, क्योंकि एक पुलिस अधिकारी कई चुनौतियों से जूझता है। राजस्थान के ऐसे ही एक पुलिस अधिकारी हैं हिमांशु सिंह राजवत जिन्होंने सोहराबुद्दीन एनकाउंटर को अंजाम दिया था। लेकिन यह पुलिस अधिकारी किसी फिल्मी हीरों से कम नहीं है। आज हम आपको हिमांशु सिंह राजवत के बारे में बताएंगे।
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2005 में किया था एनकाउंटर
26 नवंबर, 2005 को गुजरात एटीएस और राजस्थान एटीएस ने मिलकर कुख्यात अपराधी सोहराबुद्दीन का एनकाउंटर किया था। जिसमें हिमांशु सिंह राजवत सबसे आगे थे, लेकिन इस एनकाउंटर के बाद खुद हिमांशु को 7 साल 3 महीने जेल में काटने पड़े। लेकिन कहते हैं ना कि सच तो सच ही होता है। सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ केस में मुंबई की विशेष अदालत ने 21 दिसंबर, 2018 को अपना फैसला सुनाया और हिमांशु बाइज्जत बरी हो गए।
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राजस्थान के सागवाड़ा में तैनाती
हालांकि यह बात तो बहुत पुरानी हो गई, लेकिन इस कहानी में नया मोड़ यह है कि सुपर कॉप नाम से मशहूर हिंमाशु अब राजस्थान के सागवाड़ा में तैनात हो गए हैं। जहां उन्होंने थानाध्यक्ष के रूप में अपना कार्यभार संभाल लिया है, इससे पहले वह भरतपुर में पोस्टेड थे जहां उन्होंने कई बड़े केस सुलझाए हैं। यही नहीं, कुख्यात लाला गैंग का खात्मा करने वाले हिमांशु एक नई मुहिम से भी जुड़े हुए हैं, जिससे शहीद पुलिस कर्मियों की फैमिली की मदद की जाएगी।
हिमांशु सिंह राजवत ने बताया कि 'हमने पुलिस और कम्यूनिटी पुलिस के साथ मिलकर पुलिस मित्र का अभियान शुरू किया है। इस पर एक फिल्म भी बनाई है, जिसमें प्रोफेशनल एक्टर ने नहीं, बल्कि हम पुलिसवालों ने ही एक्टिंग की है। यह समाज के तमाम मुद्दों के बारे में है। फिल्म हर किसी को कुछ न कुछ सिखाएगी। लगभग डेढ़ घंटे की इस फिल्म की तैयारी तो काफी पहले से थी, लेकिन बीच में काफी कठिनाइयां आईं और काम रुक गया था। हालांकि, अब कोई दिक्कत नहीं है।'
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समाज का मार्गदर्शन करेगी फिल्म
फिल्म जहां समाज का मार्गदर्शन करेगी तो उससे मिले पैसे को भी समाज कल्याण में ही लगाया जाएगा। इस बारे में वह कहते हैं, 'कोई स्पॉन्सर तो नहीं है हमारे पास, लेकिन जो भी इस फिल्म से कमाई होगी हम उसे समाज की सेवा में ही लगाएंगे।' हिंमाशु से बात हो और सोहराबुद्दीन एनकाउंटर पर बात न हो ऐसा कैसे हो सकता था? इस बारे में पूछने पर वह कहते हैं, 'काफी मुश्किल समय था। एनकाउंटर के बाद जेल जाना उनके परिवार और करीबियों के लिए बेहद निराश करने वाला था। हालांकि, कहते हैं कि समय काफी कुछ सीखाता है तो मैंने भी जेल में सीखा।'
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एक भी बेगुनाह को परेशानी न हो
हिमांशु सिंह राजवत के काम करने का अंदाज भी निराला है। उनका कहना है कि वह हर एक केस को गंभीरता से लेते हैं। उनकी कोशिश रहती है कि किसी भी बेगुनाह को सजा न हो और उसे किसी भी कीमत पर जेल न जाना पड़े। जेल से छूटने के बाद हिमांशु सिंह राजवत फिर समाज के हीरो बन गए हैं और उन्होंने अपनी ड्यूटी जॉइन कर ली है। राजस्थान में वह लाखों युवाओं के प्रेरणा है, आज कई युवा हिमांशु रजावत की तरह बनना चाहते हैं।
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सुष्मिता सेन ने समझ लिया था हीरो
हिमांशु सिंह राजवत से जुड़ा एक और किस्सा बहुत मशहूर हैं। राजस्थान में एक फिल्म की शूटिंग हो रही थी, ऐसे में हिमांशु सिंह राजवत को यहां ड्यूटी की जिम्मेदारी सौंपी गई। फिल्म में सुष्मिता सेन भी शामिल थी। सुष्मिता ने जब हिमांशु को देखा तो उनकी फिटनेस और वॉडी को देखकर उन्हें लगा कि हिमांशू फिल्म के हीरों हैं। लेकिन जब उन्हें असलियत पता चली तो वह हैरान रह गई। क्योंकि हिमांशु फिटनेस का पूरा ख्याल रखते हैं। जिसके चलते उन्हें हर कोई देखकर हैरान रह जाता है। राजस्थान में इस पुलिस अधिकारी के जलवे एक बार फिर अब देखने को मिल रहे हैं।
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