Rajasthan Politics: राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के पहले दिन की जनसंघर्ष यात्रा खत्म हो गई है। पायलट पेपर लीक, करप्शन समेत अन्य मुद्दों को लेकर पांच दिन की पदयात्रा पर सुबह अजमेर से निकले थे। गुरुवार की शाम उन्होंने 25 किमी पैदल चलते हुए तोलामल गांव बस स्टैंड के पास अपनी पदयात्रा रोकी। यह यात्रा पांच दिनों तक चलेगी। इस दौरान उन्होंने विरोधियों पर जमकर निशाना साधा।
पीसीसी सचिव रामसिंह कस्वां के भाजपा के टूल किट वाले आरोप पर सचिन पायलट ने कहा, 'मुझ पर इससे और निचले स्तर के आरोप लग सकते हैं क्योंकि मैं सड़कों पर आकर अपनी बात को रख रहा हूं। कौन क्या है, कैसी कार्यशाली रही है और कैसी निष्ठा रही है वह सब जानते हैं। मैंने कांग्रेस पार्टी के लिए हर प्रदेश में जाकर प्रचार किया है।'
कुछ लोग दूध का दूध नहीं, नींबू निचोड़ने लगे
सचिन पायलट ने कहा, 'मैं डिप्टी सीएम था, अपना समय आराम से बिता सकता था। लेकिन राजस्थान के लोगों के सपनों को पूरा करने के लिए हमें और भी बहुत कुछ करने की जरूरत है। मुझे बहुत कुछ बोला गया। कई आरोप लगाए गए। लेकिन मैंने हमेशा अपनी जुबान पर नियंत्रण रखा है। अभद्र भाषा का उपयोग नहीं करने का मतलब यह नहीं है कि हमारे पास आत्म-सम्मान की कमी है।
उन्होंने कहा कि जब हमने भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया, तो मैं निष्पक्ष जांच चाहता था। लेकिन वे डरे हुए थे। मैं चाहता था कि एक पारदर्शी तरीके से जांच हो और दूध का दूध-पानी का पानी हो जाए। लेकिन जिन लोगों को डर लग रहा था वे दूध और पानी छोड़कर दूध और नींबू की बात करने लगे। धीरे-धीरे साफ हो गया कि कार्रवाई नहीं होगी।
यह भी पढ़ें: Opposition fight against BJP: क्या शरद पवार होंगे विपक्षी गठबंधन का मुख्य चेहरा? नीतीश कुमार ने दिया ये जवाब
ये सचिन की निजी यात्रा
वहीं, राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सचिन पायलट की यात्रा पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि ये उनकी निजी यात्रा है, यह कांग्रेस की यात्रा नहीं है। मैं केवल इतना कह सकता हूं कि इस यात्रा को कांग्रेस प्रदेश के संगठन और एआईसी से कोई अनुमति नहीं मिली है।