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Rajasthan Election Result 2023: राजस्थान में वोट कटवा पार्टी बनी हनुमान की RLP, जानें उनकी हार के बड़े कारण

Rajasthan Election Result 2023: राजस्थान के विधानसभा चुनाव में हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी कोई खास कमाल नहीं दिखा पाई। उन्हें छोड़कर उनकी पार्टी के सभी उम्मीदवार चुनाव हार गए।

Edited By : Rakesh Choudhary | Updated: Dec 4, 2023 12:40
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Rajasthan Election Result 2023

Rajasthan Election Result 2023: राजस्थान की एक रैली में एक नेता कहता है कौन सा नेता राजस्थान का भला कर सकता है? वहां मौजूद लोगों ने जोर से कहा हनुमान बेनीवाल। राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में पश्चिमी राजस्थान की जाट बाहुल्य सीटों पर हनुमान बेनीवाल की आरएलपी ने उम्मीदवार उतारे। लेकिन एक भी उम्मीदवार जीत दर्ज नहीं कर सका। हालांकि बायतु में उम्मेदाराम बेनीवाल ने जरूर टक्कर दी लेकिन आखिर में उनको भी हार का सामना करना पड़ा। इतना ही नहीं 2018 के चुनाव में जीती 2 सीटें मेड़ता और भोपालगढ़ भी बेनीवाल ने गंवा दी। कुल मिलाकर इस चुनाव में उनकी पार्टी की ओर से वे स्वयं ही जीत दर्ज कर पाए। वो भी मात्र 2 हजार वोटों से।

राजस्थान में भाजपा दो तिहाई बहुमत से सरकार बनाने जा रही है। पार्टी की राज्य इकाई के नेता दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। बता दें कि चुनाव से पहले हनुमान बेनीवाल ने चंद्रशेखर रावण की आजाद समाज पार्टी ने गठबंधन किया था। हालांकि इसका कोई फायदा उन्हें नहीं मिला। चुनाव में बेनीवाल की पार्टी आरएलपी ने मात्र 1 सीट जीती। राजनीति के जानकारों की मानें राजस्थान के दिग्गज नेता के तौर पर पहचान बना चुके बेनीवाल को इस चुनावों में करारी शिकस्त मिली है। आइये जानते हैं उनकी हार के बड़े कारण।

पार्टी के पास अनुभवी नेताओं की कमी

राजस्थान में बेनीवाल बात तो 36 कौम की करते हैं लेकिन उनकी छवि एक जाट नेता की। शायद इसलिए उन्हें सभी जातियों के लोगों का समर्थन नहीं मिला। इसके अलावा उन्होंने कई सीटों पर जातीय समीकरणों को ध्यान में रखकर उम्मीदवार उतारे थे। लेकिन उनकी यह रणनीति भी विफल साबित हुई। इसके अलावा पायलट के साथ कोई बड़ा नेता भी नहीं था जिसके साथ गठबंधन करके वह चुनाव में उतर सके। उन्होंने यूपी की एक वोट कटवा पार्टी आजाद समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया था जिसका फायदा उन्हें नहीं मिला।

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बेनीवाल की हार की एक बड़ी वजह अनुभवी नेताओं की कमी भी है। पार्टी उनके स्वयं के अलावा कोई ऐसा नहीं है जो पार्टी को मजबूत कर सके। यह बात उन्होंने स्वयं जयपुर में आयोजित पार्टी की स्थापना रैली में कही थी। उन्होंने कहा था कि उनके पास नौसिखियों की फौज है और उनकी मजबूरी है कि उन्हें साथ लेकर चलना पड़ता है।

तीसरे मोर्चे को जनता ने नकारा

बेनीवाल ने चुनाव प्रचार के दौरान खुद की पार्टी आरएलपी को तीसरे मोर्चे के तौर पर पेश करने की कोशिश की। और खुद को भाजपा-कांग्रेस का विकल्प भी बताया। लेकिन लोगों का भरोसा अभी भी दोनों ही पार्टियों के नेताओं पर टिका है। इतना ही नहीं बेनीवाल की पार्टी के अलावा राजस्थान की जनता ने राष्ट्रीय पार्टियों को भी नकार दिया। इस चुनाव में एआईएमआईएम, आप पार्टी भी चुनाव में उतरी थी।

First published on: Dec 04, 2023 12:40 PM

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