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राजस्थान के बजट सत्र के आखिरी दिन ये 3 विधेयक होंगे पारित, खत्म होंगे पुराने बिल

राजस्थान सरकार कोचिंग संस्थानों और छात्रावासों पर सख्ती के लिए राजस्थान कोचिंग सेंटर विधेयक 2025 ला रही है। इसमें झूठे विज्ञापनों पर कार्रवाई, एक साथ पूरी फीस लेने पर रोक, फीस वापसी और क्लास टाइम लिमिटेड करने जैसे नियम होंगे।

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के जे श्रीवत्सन राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र का आज आखिरी दिन है। इस दिन सरकार अपने तीन विधेयकों को पारित करवाने के साथ कई बड़े कार्य को भी विधानसभा में पूरा कर लेगी। आज भी सदन की कार्रवाई प्रश्नकाल के साथ शुरू होगी। कृषि, शिक्षा, उद्योग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, जनजाति क्षेत्रीय विकास, राजस्व, सहकारिता, ऊर्जा विभाग से संबंधित सवाल-जवाब होंगे।

सदन में लाए जाएंगे ध्यानाकर्षण प्रस्ताव

विधायक चंद्रभान सिंह राजकीय महिला इंजीनियरिंग कॉलेज माखपुरा अजमेर के नियम विरुद्ध पदोन्नति करने और दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के संबंध में उपमुख्यमंत्री डॉ. पीसी बैरवा का ध्यानाकर्षित करेंगे। वहीं, विधायक अशोक कोठारी भीलवाड़ा के कतिपय ब्रिजों का निर्माण जल्दी पूरा करवाने के संबंध में उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी का ध्यानाकर्षित करेंगे। इसके अलावा विधायक घनश्याम टोडाभीम में नशे की लत और अवैध मादक पदार्थों की तस्करी से उत्पन्न स्थिति के संबंध में गृह राज्य मंत्री का ध्यानाकर्षित करेंगे। इसके अतिरिक्त सदन की मेज पर उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी सीएनजी और पीएनजी की कर दर में कमी के संबंध में अधिसूचना रखेंगी। राजकीय उपक्रम समिति के सभापति कालीचरण शराफ तीन प्रतिवेदन रखेंगे। बजट सत्र के आखिरी दिन सरकार तीन अहम विधेयक को भी चर्चा के बाद सदन में पारित करवाएगी।

खत्म होंगे पुराने बिल

इसमें राजस्थान कोचिंग सेंटर नियंत्रण और विनियमन विधेयक 2025 प्रमुख है, जिसमें कोचिंग सेंटर की मनमानी को रोकने के लिए कई सख्त प्रावधान हैं। इसके अलावा अभिभावकों को राहत देने के लिए सरकार ने बीच में कोचिंग छोड़ने वाले बच्चों को 10 दिन के भीतर उनकी फीस लौटाने का नियम भी बनाया है। वहीं, दूसरा बिल राजस्थान विधियां संशोधन विधेयक 2025 से जुड़ा है। राजस्थान विधियां निरसन विधेयक 2025 के तहत सरकार कई पुराने कानूनों को खत्म कर सकती है। ऐसा कहा जाता है कि गरीब 45 से ज्यादा कानूनों को राजस्थान सरकार इस विधेयक के जरिए खत्म कर देगी। तीनों विधेयक सदन में चर्चा के बाद पारित होंगे। सदन में 8 विधायक अपने विधानसभा क्षेत्रों में अलग-अलग कामों के संबंध में याचिकाएं लगाएंगे। ये भी पढ़ें- राणा सांगा को ‘गद्दार’ कहने पर क्या बोले उनके वंशज? जानें कौन हैं और क्या है भाजपा से कनेक्शन


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