Rajasthan BJP: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को आसींद के दौरे पर रहेंगे। पीएम के दौरे के बाद केंद्रीय नेतृत्व राजस्थान भाजपा में आगामी चुनाव को देखते हुए फैसले लेगा। पार्टी किसी भी कीमत पर 2024 से पहले इस राज्य में वापसी करना चाहेगी।
चुनावी साल में भाजपा आलाकमान प्रदेश में आपसी गुटबाजी को खत्म कर एकजुट करने की रणनीति पर काम करेगी। क्योंकि आपसी गुटबाजी के कारण विपक्ष के रूप में भाजपा वह भूमिका नहीं निभा पाई जो निभानी चाहिए थी। 1 दिसंबर 2022 को पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा जनाक्रोश अभियान को हरी झंडी दिखाने जयपुर पहुंचे थे। लेकिन भीड़ नहीं जुट पाने के कारण जेपी नड्डा काफी नाराज दिखे। उन्होंने पार्टी नेताओं को गुटबाजी छोड़ चुनाव की तैयारियों में जुट जाने की नसीहत दी।
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कार्यसमिति की बैठक में पीएम ने सुनाई खरी-खोटी
दिल्ली में हुई भाजपा कार्यसमिति की बैठक में पीएम मोदी ने पार्टी नेताओं को ओवर कांफिंडेंस और गुटबाजी से बाहर निकलने की नसीहत दी थी। इसके बाद राजस्थान भाजपा में माहौल थोड़ा बदला हुआ सा नजर आ रहा है।
पार्टी को करने होंगे बदलाव
पीएम मोदी की सभा को राजस्थान में चुनाव अभियान की शुरूआत के रूप में देखा जा रहा है। पीएम की रैली के बाद एक प्रकार से बीजेपी एग्रेसिव मोड में आएगी। जानकारों की माने तो चुनाव में उतरने से पहले बीजेपी को आंतरिक स्तर पर काफी बदलाव करने पड़ेंगे। जिसकी शुरूआत पीएम के आसींद दौरे के बाद हो सकती है।
पूर्व सीएम को लेकर होगा फैसला
2018 के विधानसभा चुनावों में हार के बाद से पूर्व सीएम वसुंधरा राजे साइडलाइन है। केंद्रीय आलकमान के साथ अध्यक्ष पद को लेकर हुआ बवाल हो या पार्टी की बैठकों को दरकिनार करना। हर वक्त वसुंधरा मुख्यफ्रेम से गायब रही। अब चुनावी साल में एक बार फिर से उन्होंने अपनी सक्रियता बढ़ा दी हैं।
लंबे समय से पार्टी में खेमेबाजी और खींचतान साफ दिखाई दे रही है। हालांकि वे अपने हिसाब से धार्मिक यात्राओं के नाम पर सभाएं करती रही हैं।
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पोस्टर में हुई वापसी
राजस्थान में वसुंधरा की बराबरी का नेता फिलहाल बीजेपी में दूर-दूर तक नहीं है। अन्य पार्टी नेताओं की रैलियों में इतनी भीड़ नहीं उमड़ती जितनी उनकी रैलियों में उमड़ती है। पार्टी के जानकारों की माने तो उनकी टिकट वितरण में भूमिका तय की जा सकती है। पिछले दिनों भाजपा के प्रदेश कार्यालय में लगे पोस्टर में उनकी फिर से वापसी हुई है इससे पहले वह पोस्टरों में कभी नजर नहीं आती थी।
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