राजस्थान की शाहपुरा सीट से विधायक मनीष यादव ने गुरुवार को विधानसभा में शिक्षा से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया और सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की। उन्होंने छात्र संघ चुनावों की बहाली, नई शिक्षा नीति की समीक्षा, सेमेस्टर सिस्टम समाप्त करने, केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाने, हॉस्टलों के अपग्रेडेशन और आरपीएससी के पुनर्गठन जैसे अहम विषयों पर जोर दिया। मनीष यादव ने कहा कि छात्र संघ चुनाव बंद होने से छात्र राजनीति प्रभावित हुई है, जबकि इस सदन में कई ऐसे सदस्य हैं, जो छात्र राजनीति से आगे बढ़कर यहां तक पहुंचे हैं। इसलिए छात्र संघ चुनावों को फिर से शुरू किया जाना चाहिए।
उद्योगपतियों को कुलगुरु बनाए जाने पर उठाए सवाल
यादव ने यूजीसी के मसौदे का हवाला देते हुए कहा कि कई उद्योगपति कुलपति बन जाते हैं, लेकिन क्या उन्हें कुलगुरु बनाया जाना सही है? उन्होंने सरकार से इस मुद्दे पर पुनर्विचार करने की अपील की। उन्होंने नई शिक्षा नीति में संकाय परिवर्तन के मुद्दे पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि कई कॉलेजों में केवल एक ही संकाय उपलब्ध है, ऐसे में अगर कोई छात्र संकाय बदलता है तो उसकी डिग्री पर सवाल खड़े हो सकते हैं। यादव ने सेमेस्टर सिस्टम को हटाने की वकालत करते हुए कहा कि इससे छात्रों की समस्याएं बढ़ गई हैं। खासतौर पर छात्राओं का ड्रॉपआउट रेट बढ़ा है। उन्होंने को-एजुकेशन को लागू करने की भी मांग की।
राजस्थान के विश्वविद्यालयों को केंद्रीय दर्जा दिलाने की मांग
उन्होंने कहा कि राजस्थान यूनिवर्सिटी सहित राज्य की कई पुरानी और प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटियों को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिलना चाहिए। इसके लिए राज्य सरकार को केंद्र सरकार पर दबाव बनाना चाहिए। यादव ने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में विश्वविद्यालयों में सिंडिकेट और बोम सदस्यों की नियुक्ति नहीं हुई। इससे शिक्षकों की पदोन्नति और कई विकास कार्य अटके पड़े हैं। उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द नियुक्तियां करने की मांग की।
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उन्होंने कहा कि कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के कई हॉस्टल जर्जर हालत में हैं। सरकार को इन्हें अपग्रेड करना चाहिए और नई हॉस्टलों की संख्या भी बढ़ानी चाहिए। यादव ने अंत में राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के पुनर्गठन की मांग की, ताकि राज्य की प्रशासनिक और शैक्षणिक भर्ती प्रक्रियाओं को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाया जा सके। इसके लिए उन्होंने सरकार से ठोस कदम उठाने की अपील की।
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