Rajasthan Assembly Session: किसान कर्जमाफी को लेकर मंगलवार को विधानसभा में शून्यकाल के दौरान जमकर हंगामा हुआ। बीजेपी विधायकों ने उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया के नेतृत्व में वेल में आकर नारेबाजी की। शून्यकाल के दौरान पूनिया ने जैसे ही कांग्रेस के जन घोषणा पत्र में किसान कर्जमाफी के वादे का जिक्र किया। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इसपर आपत्ति जताई। उपनेता प्रतिपक्ष टोकने से नाराज बीजेपी विधायक जोर-जोर से बोलने लगे। इससे सदन में हंगामे की स्थिति बन गई।
कर्जमाफी को लेकर सदन में बीजेपी विधायकों ने की नारेबाजी
शून्यकाल के दौरान बीजेपी ने स्थगन प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि सरकार ने आधी अधूरी कर्जमाफी की। इसमें से 6 हजार करोड़ तो बीजेपी सरकार माफ कर गई थी। राहुल गांधी ने 10 दिन में कर्ज माफी का वादा किया था। लेकिन साढ़े 4 साल बीत गए। लाखों किसान कर्जमाफी का इंतजार कर रहे हैं।
स्पीकर ने लोढ़ा को दी 2 बार चेतावनी
वहीं स्थानीय युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं को प्राथमिकता देने से जुड़े सवाल पर भी सदन में जमकर तकरार हुई। इस मुद्दे पर संयम लोढ़ा स्पीकर की बिना मंजूरी के बोलने लगे तो लोढ़ा ने कहा कि मंत्री पिछले पांच साल से बातें ही कर रहे हैं। किया कुछ नहीं है। इस पर स्पीकर ने उन्हें टोकते हुए बैठने के लिए कहा। लेकिन इसके बाद भी लोढ़ा बोलते रहे।
इस पर स्पीकर ने चेतावनी देते हुए कहा कि मैं आपको आखिरी बार चेतावनी दे रहा हूं। आप इतने सीनियर हैं। आप गलत परंपरा डाल रहे हैं। आप अच्छे विधायक रहे हैं। हमें इसका रिव्यू करना पड़ेगा। इसके बाद भी लोढ़ा बोलते रहे तो स्पीकर चेतावनी देते हुए कहा मैं आपको अंतिम बार चेतावनी देता हूं। मुझे गलत परंपरा शामिल करने का अवसर नहीं दे। मुझे आपको बाहर करना पड़ेगा।