TrendingparliamentPollutionBollywood

---विज्ञापन---

राजस्थान के ‘रण’ की कहानी-दीया कुमारी की जुबानी, सांसद क्यों लड़ रही हैं विधायक का चुनाव? पढ़ें EXCLUSIVE बातचीत

How Vidyanagar Candidate Diya Kumari Reacts on BJP's nervousness in Rajasthan Assembly Election: राजस्थान में चुनावी गहमामगहमी और भाजपा खेमे के नर्वस होने की चर्चाओं पर पार्टी की विद्यानगर की कैंडीडेट दीया कुमारी ने बड़ा ही दिलचस्प जवाब दिया है।

श्रीनिवासन जैन/जयपुर Rajasthan Assembly Election: राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर हर पार्टी अपनी-अपनी तैयारी में लगी है। कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के साथ-साथ इस बार राज्य के चुनाव में आम आदमी पार्टी और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम (AIMIM) भी फाइट कर रही हैं। एक ओर राज्य का ट्रेंड रहा है कि यहां लोग किसी भी पार्टी को सिर पर चढ़ाकर नहीं रखते। हर पांच साल बाद राज्य की सत्ता बदल जाती है। हालिया चुनाव में एक ओर इस बार राज्य में भाजपा के सत्ता में आने के आसार माने जो रहे हैं, वहीं एक बात यह भी फैल रही है कि भाजपा इस चुनाव को लेकर नर्वस है, इसी के चलते पार्टी ने मध्य प्रदेश और राजस्थान में केंद्रीय मंत्रियों व सांसदों को विधानसभा चुनाव की उम्मीदवारी देकर मैदान में उतारा है। इस पहलू पर जमीनी हकीकत क्या है, इस सवाल का जवाब भाजपा नेताओं से ही जानने के लिए न्यूज 24 ने जयपुर के विद्यानगर सीट की उम्मीदवार दीया कुमारी से बात की। पेश हैं रिपोर्ट के कुछ महत्वपूर्ण अंश... क्या भाजपा ने नर्वस होकर 7 सांसदों को विधानसभा उम्मीदवार बनाया है? मुझे नहीं लगता कि वो कारण है। हर सीट का अपना गणित होता है। मैं पहले भी विधायक थी। हो सकता है-पार्टी नेतृत्व को लगा हो कि मेरा राज्य में होना बेहतर है। हो सकता है कि बाकी लोगों ने विधानसभा चुनाव में टिकट कहकर मांगे हों। हमारे पास जीतने का मौका है और हम ये चुनाव जीत रहे हैं। बाकी नर्वस कांग्रेस को होना चाहिए, क्योंकि उन्होंने कुछ काम नहीं किया। यही वजह है कि 6 महीनों से गहलोत जी ने योजनाओं का पिटारा खोल रखा है। क्या ये आपके लिए चुनौती नहीं है कि इन योजनाओं का फायदा लोगों को मिल रहा है? मैंने राजसमंद क्षेत्र के कैंप में देखा कि महिलाएं स्मार्टफोन लेने के लिए लाइन में लगी हुई थीं। 100 में से कोई औरतों को स्मार्टफोन मिले होंगे और वो भी सेकंड हैंड। इन स्मार्टफोन्स का कोई दस्तावेज भी नहीं था। देख जाए तो यह सिर्फ कांग्रेस की आंकड़ा जुटाने की एक चाल मात्र थी। किसी जरूरतमंद की कांग्रेस कोई मदद नहीं कर रही। यह सिर्फ दिखावा है। एक ढोंग है। यह भी पढ़ें: राजस्थान में CM अशोक गहलोत को तगड़ा झटका, 4 दशकों के ‘साथी’ रामेश्वर भाजपा में शामिल BJP भी तो कई लाभ पहुंचा रही है। अभी PM ने सिलेंडर के दामों में कटौती की घोषणा की है, तो...? हम ऐसा शुरू से कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस अचानक 6 महीने पहले ही जागी है। उनको सरकार बनाते ही योजनाएं शुरू कर देनी चाहिए थी। सोचने वाली बात है कि आप चुनाव इंतजार ही क्यों कर रहे थे? कुछ लोगों का कहना है कि आप विभाजित हैं। कई नेता हैं, पर CM के नाम की घोषणा नहीं की गई। इसे लेकर वसुंधरा राजे नाराज लग रही हैं... मुझे नहीं लगता, ये सच है। लोग यूं ही विवाद पैदा करते रहते हैं। वो नाराज नहीं हैं? तो फिर बस परिवर्तन यात्रा में उन्होंने भाग नहीं लिया, क्यों? नहीं, मुझे नहीं लगता कि वो नाराज हैं। वो सभी मीटिंग्स में आ रही हैं। वो इंटरव्यू दे रही हैं, लेकिन उन्होंने कभी ऐसा कुछ नहीं कहा कि वो नाराज हैं। हम एकजुट होकर प्रधानमंत्री के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहे हैं। यह भी पढ़ें: Rajasthan Assembly Election में कांग्रेस का जनता से कायम रहेगा करार? दौसा से समझिए राजस्थान की तस्वीर

इन सात सांसदों को विधायक बनाना चाहती है भाजपा

गौरतलब है कि देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने मध्य प्रदेश में केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को टिकट दिया है, वहीं राजस्थान में भी 7 सांसदों को विधानसभा चुनाव उम्मीदवार बनाया है। इनमें जयपुर की झोटवाड़ा से राज्यवर्धन राठौड़, झुंझुनूं की मांडवा सीट से नरेंद्र कुमार, जयपुर की विद्याधरनगर सीट से दीया कुमारी, सवाई माधोपुर सीट से किरोड़ी लाल मीणा, अलवर-तिजारा से बाबा बालकनाथ, अजमेर किशनगढ़ से भागीरथ चौधरी और सांचौर से देवजी पटेल के नाम शामिल हैं।


Topics:

---विज्ञापन---