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पंचतत्व में विलीन हुए शहीद मुकेश लखारा, माटी के लाल की अंतिम विदाई में उमड़ा जनसैलाब

नागौर: नागौर जिले के लाडनूं तहसील के छोटे से गांव रोडू के लाल लांस नायक शहीद मुकेश कुमार लखारा की पार्थिव देह विशेष सैन्य वाहन से लाडनूं पंचायत समिति पहुंची है, जहां पर गमगीन माहौल में लोग तिरंगा हाथ में लिए उनकी पार्थिव देह का इंतजार कर रहे थे। सेना के जवान शव लेकर जब […]

Martyr Mukesh Lakhara
नागौर: नागौर जिले के लाडनूं तहसील के छोटे से गांव रोडू के लाल लांस नायक शहीद मुकेश कुमार लखारा की पार्थिव देह विशेष सैन्य वाहन से लाडनूं पंचायत समिति पहुंची है, जहां पर गमगीन माहौल में लोग तिरंगा हाथ में लिए उनकी पार्थिव देह का इंतजार कर रहे थे। सेना के जवान शव लेकर जब लाडनूँ पहुंचे तब पूरा इलाका देश भक्ति नारों से गूंज उठा। इसके बाद उनके पैतृक गाँव में शहीद का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। जानकारी के अनुसार रोङू निवासी लांस नायक मुकेश कुमार 56 राष्ट्रीय रायफल में कार्यरत थे जो 268 फील्ड रेजिमेंट में तैनात रहे। 20 दिसम्बर 2000 को जन्मे मुकेश ने 11 दिसंबर 2018 को भारतीय सेना ज्वाइन की थी। आज पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। पूर्व सैनिक संघ ब्लॉक अध्यक्ष केसाराम हुड्डा ने बताया कि शहीद मुकेश लखारा यूनिट 56 राष्ट्रीय राइफल माछल सेक्टर कुपवाड़ा जम्मू कश्मीर में अल्मोड़ा की बर्फीली चोटी पर अपने साथियों के साथ गश्त कर रहे थे इस दौरान बर्फीला तूफान व हिम स्खलन होने से हादसा हो गया। बर्फ में दबने से तीन जवान शहीद हो गए। समाजसेवी सांवरमल भामू ने जानकारी देते हुए बताया कि मुकेश के पिता किशनलाल गांव में खेती बाड़ी का कार्य करते हैं। मुकेश का छोटा भाई रामधन अभी 12 वीं कक्षा में अध्ययन कर रहा है। बीते दो माह पूर्व ही रक्षा बंधन के अवसर पर वह अपने घर आया था। उस समय ताऊ की लड़की से राखी बंधवाई थी व 21 फरवरी को उसकी शादी थी जिसमे आने का बोला था । इसी के चलते वह दीपावली के त्यौहार को मनाने से पहले ही वापस ड्यूटी पर लौट गया था।


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