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BJP नेता भवानी सिंह राजावत कौन? जिन्हें IFS थप्पड़ कांड में 3 साल की जेल, जानें पूरा मामला

IFS Slapping Case : राजस्थान के कोटा में आईएफएस थप्पड़ कांड में अदालत का फैसला आ गया है। इस मामले में कोर्ट ने बीजेपी नेता और उनके समर्थक को दोषी माना और उन्हें 3-3 साल की सजा सुनाई। आइए जानते हैं कि क्या है पूरा मामला?

कौन हैं BJP नेता भवानी सिंह राजावत?
IFS Slapping Case : राजस्थान के पूर्व विधायक और भाजपा के नेता को बड़ा झटका लगा। अदालत ने आईएफएस थप्पड़ कांड में फैसला सुनाया और बीजेपी नेता एवं उनके समर्थक को 3-3 साल जेल की सजा सुनाई। हालांकि, इस मामले में दोनों को तत्काल जमानत मिल गई। आइए जानते हैं कि कौन हैं भाजपा नेता भवानी सिंह राजावत? कौन हैं भाजपा नेता भवानी सिंह राजावत? भवानी सिंह राजावत कोटा की लाडपुरा विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं। वे वसुंधरा राजे गुट के नेता माने जाते हैं। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 2018 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में उनका टिकट काट दिया था। इससे नाराज होकर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। इसके बाद बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था, लेकिन 2023 के चुनाव से पहले वे फिर भाजपा में शामिल हो गए। कहा जाता है कि लाडपुरा में भाजपा की जमीन तैयार करने में भवानी सिंह राजावत का अहम योगदान है। यह भी पढ़ें : बीकानेर की फायरिंग रेंज में बड़ा हादसा, ट्रेनिंग के दौरान फटा गोला; दो जवान शहीद जानें क्या है मामला? यूआईटी की ओर से दाढ़ देवी माता मंदिर रोड पर मरम्मत कार्य कराए जा रहे थे। मार्च 2022 में वन विभाग ने इस कार्य को रुकवा दिया था। इससे नाराज होकर पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत अपने समर्थकों के साथ वन विभाग के दफ्तर पहुंचे और उन्होंने डीएफओ रवि मीणा को थप्पड़ जड़ दिया। इस मामले में बीजेपी नेता भवानी सिंह राजावत और उनके समर्थक महावीर सुमन के खिलाफ नयापुरा थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। यह भी पढ़ें : जयपुर के कोचिंग इंस्टीट्यूट में गैस लीक, 24 छात्राएं बेहोश  कोर्ट ने क्या दिया आदेश? एससी/एसटी कोर्ट में आईएफएस थप्पड़ कांड की सुनवाई हुई। अदालत ने भवानी सिंह राजावत और उनके समर्थक महावीर सुमन को 3-3 साल की सजा सुनाई। साथ ही दोनों पर 30-30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी नेता राजावत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि उन्होंने तत्कालीन डीएफओ रवि कुमार मीणा को सिर्फ कंधे पर बैठाया था, उन्हें थप्पड़ नहीं मारा था। वे इस फैसले को चुनौती देने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर करेंगे।


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