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नववर्ष के स्वागत से पहले ही जैसलमेर सैलानियों से पूरी तरह भर चुका है. सोनार किला, पटवा हवेली, सालम सिंह और नथमल की हवेलियां, गड़ीसर लेक जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों पर इतनी भीड़ है कि जाम की स्थिति बनने लगी है. दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश समेत देशभर से हजारों पर्यटक जैसलमेर पहुंच रहे हैं. भारी भीड़ के चलते शहर के अधिकांश होटल और रिसॉर्ट ‘नो रूम’ की स्थिति में पहुंच गए हैं.
31 दिसंबर की नाइट को लेकर जैसलमेर में देशी-विदेशी सैलानियों की जबरदस्त पीक देखी जा रही है. हालात ये हैं कि होटल और रिसॉर्ट के रेट चौगुने तक बढ़ चुके हैं. जहां सामान्य दिनों में 1500 रुपये का कमरा मिलता था, वहीं अब 5000 रुपये से कम में बुकिंग नहीं हो रही. डेजर्ट के सम क्षेत्र में करीब 200 रिसॉर्ट्स में 7000 से ज्यादा टेंट लगाए गए हैं, जिनकी कीमतें 15 हजार से 35 हजार रुपये तक पहुंच चुकी हैं.
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सोनार किला, बड़ाबाग, कुलधरा, सम-खुहड़ी के रेत के धोरे, सनराइज-सनसेट, कैमल सफारी और एडवेंचर एक्टिविटीज सैलानियों को खूब लुभा रही हैं. रात में राजस्थानी सांस्कृतिक कार्यक्रम, कालबेलिया नृत्य और दाल-बाटी-चूरमा जैसी पारंपरिक थाली पर्यटकों के लिए खास आकर्षण बनी हुई है. अनुमान है कि 31 दिसंबर की शाम तक करीब 5 लाख सैलानी जैसलमेर में नए साल का स्वागत करेंगे, जिससे पर्यटन से जुड़े कारोबारियों के चेहरे खिले नजर आ रहे हैं.
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