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Jaipur: धरने पर बैठे किरोड़ीलाल मीणा को पुलिस ने हिरासत में लिया, सांसद बोले- ‘गहलोत सरकार के निर्देश पर हुई कार्रवाई’

Jaipur: जल जीवन मिशन में एफआईआर दर्ज कराने की मांग को लेकर अशोक नगर थाने के बाहर धरने पर बैठे बीजेपी से राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा को पुलिस धरने से उठाकर चाकसू थाने ले गई। जहां पर किरोड़ी समर्थकों ने जमकर हंगामा किया। इससे पहले पुलिस ने धरना स्थल के आस-पास से टैंट हटवा दिया था। […]

Jaipur: जल जीवन मिशन में एफआईआर दर्ज कराने की मांग को लेकर अशोक नगर थाने के बाहर धरने पर बैठे बीजेपी से राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा को पुलिस धरने से उठाकर चाकसू थाने ले गई। जहां पर किरोड़ी समर्थकों ने जमकर हंगामा किया। इससे पहले पुलिस ने धरना स्थल के आस-पास से टैंट हटवा दिया था। धरना स्थल के आसपास पुलिस ने बैरिकेडिंग करवा दी थी। वहीं अशोक नगर थाने में भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात कर दिया गया। आज सुबह जैसे ही सांसद किरोड़ीलाल धरना स्थल पर पहुंचने लगे तो उन्हें रोक लिया गया। इस पर किरोड़ी सड़क पर ही धरना देकर बैठ गए। इस पर पुलिस अधिकारियों से सांसद से समझाइश की लेकिन वे नहीं माने। इसके बाद पुलिस उन्हें जबरन उठाकर चाकसू थाने ले गई।

सांसद बोले- गहलोत सरकार के निर्देश पर हुई कार्रवाई

इस दौरान सांसद ने मीडिया से कहा कि एक सांसद पिछले 48 घंटे से पुलिस थाने के बाहर एफआईआर दर्ज करवाने बैठा है। लेकिन पुलिस एफआईआर दर्ज करने की जगह मुझे ही गिरफ्तार कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि गहलोत सरकार के निर्देश पर पुलिस यह कार्रवाई कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि मुखिया जी आपकी पुलिस मेरी आवाज को नहीं दबा सकती मैं आपकी सरकार में हुए घोटालों के लिए पहले भी लड़ा था, अभी भी लड़ रहा हूं और आगे भी लडूंगा।

यह है मामला

बता दें कि बीजेपी से राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा जल जीवन मिशन में घोटाले का आरोप लगाते हुए दो शिकायत लेकर अशोक नगर थाने पहुंचे थे। उनका आरोप है कि पीएचईडी ने प्रदेश में जेजेएम योजना के तहत अपनी दो चहेती फर्मों को फर्जी अनुभव प्रमाण पत्रों के आधार पर 900 करोड़ रुपए के टेंडर जारी किए थे। इन दोनों फर्मों ने भारत सरकार की संस्थान इरकाॅन इंटरनेशनल लिमिटेड के फोरमेट की नकल करके वैसा ही फर्जी प्रमाण पत्र तैयार किया और कार्य आदेश प्राप्त कर लिए। इरकाॅन ने अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल को पत्र लिखकर इस मामले की जानकारी दी। लेकिन कोई कार्रवाई हुई। उनका दूसरा आरोप था कि पीएचईडी ने 6 अक्टूबर 2021 से 24 नवंबर 2022 के बीच 11 कार्यों के लिए 48 टेंडर निकाले थे। इन टैंडर्स में आरटीपीपी एक्ट की अवहेलना की गई है। वित्त विभाग के निर्देश के बाद भी कंपनियों को पूल बनाने का मौका दिया गया। वहीं 10 प्रतिशत प्रीमियम राशि पर टेंडर जारी करने की प्रक्रिया शुरू की गई। किरोड़ी का आरोप है कि यह पूरा घोटाला करीब 20 हजार करोड़ का है। अशोक नगर थाने से पहले किरोड़ी ने सचिवालय पहुंचकर मुख्य सतर्कता आयुक्त के नाम भी ज्ञापन दिया था।


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