स्वास्थ्य मंत्री ने दिया ये आश्वासन
डाॅक्टराें के विरोध प्रदर्शन पर स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि सरकारी सेवाएं जारी है। ऐसे में हड़ताल से मरीजों को किसी तरह की परेशानी नहीं है। सरकार ने आशंकाओं को दूर कर दिया है। सरकार ने आपातकालीन फंड का प्रावधान किया है, उसका भुगतान सरकार करेगी। इधर राजस्थान सरकार मंगलवार को विधानसभा में राइट टू हेल्थ बिल पेश करने जा रही है जिसको लेकर बताया जा रहा है कि बिल कल सदन से पारित हो सकता है।स्टेचू सर्किल पर पुलिस से हुई झड़प
इससे पहले प्रदेशभर के चिकित्सक जयपुर में इकट्ठा हुए। जयपुर मेडिकल एसोसिएशन की अगुवाई में चिकित्सकों ने विधानसभा के लिए कूच किया। स्टेच्यू सर्किल के पास चिकित्सकों ने रास्ता जाम कर दिया। विधानसभा की तरफ जाने वाले रास्ते पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई। इसके अलावा तीसरे दिन भी सारे मेडिकल बंद रहे। इस दौरान पुलिस और चिकित्सकों में झड़प हुई।सरकार ने की वादाखिलाफी
विरोध कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि सरकार ने राइट टू हेल्थ बिल को लेकर कई बार उनसे चर्चा की लेकिन हर बार वादा खिलाफी के कारण राजस्थान के सभी निजी डॉक्टर अब आहत महसूस कर रहे हैं।क्या है राइट टू हेल्थ बिल?
राजस्थान में राइट टू हेल्थ बिल लागू होते ही मरीजों को स्वास्थ्य का अधिकार देने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य बन जाएगा। उपचार का कानूनी अधिकार मिलने से जनता को यह फायदे होंगे..• मरीजों को निजी हॉस्पीटल में भी आपातकालीन स्थिति में निशुल्क इलाज मिल सकेगा।
• बिल के नियमें के तहत आउट डोर पेशेंट्स (OPD), इनडोर भर्ती पेशेंट्स, डॉक्टर को दिखाना और परामर्श, दवाइयां, डायग्नोसिस, इमरजेंसी ट्रांसपोर्टेशन यानी एम्बुलेंस सुविधा, प्रोसीजर और सर्विसेज, इमरजेंसी ट्रीटमेंट मिलेगा।