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Jaipur: संजीवनी घोटाले में सीएम का केंद्रीय मंत्री पर निशाना, कहा- अगर आप बेकसूर हैं तो सामने क्यों नहीं आते?

Cm Ashok Gehlot: राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के बीच जुबानी जंग जारी है। दो दिन पहले जोधपुर दौरे पर पहुंचे सीएम ने मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर संजीवनी घोटाले को लेकर निशाना साधा था। उसके बाद गजेंद्र सिंह ने जयपुर में पलटवार करते हुए कहा था कि चाहे कितने […]

Cm Ashok Gehlot: राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के बीच जुबानी जंग जारी है। दो दिन पहले जोधपुर दौरे पर पहुंचे सीएम ने मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर संजीवनी घोटाले को लेकर निशाना साधा था। उसके बाद गजेंद्र सिंह ने जयपुर में पलटवार करते हुए कहा था कि चाहे कितने ही बादल क्यों न आ जाए, सूरज को उगने से नहीं रोका जा सकता। अब एक बार फिर सीएम ने इस मामले को लेकर मंत्री पर पलटवार किया है।

जनता को भ्रमित कर रहे हैं केंद्रीय मंत्री

सीएम ने मंगलवार को कहा कि मंत्री संजीवनी घोटाले के मामले में जनता को भ्रमित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एसओजी की जांच मेे अन्य अभियुक्तों के समान ही उनके ऊपर भी जूर्म प्रमाणित हो चुका है। वो स्वंय इस बात को अच्छे से जानते हैं। सीएम ने आरोप लगाते हुए कहा कि मंत्री अच्छे से जानते हैं कैसे उन्होंने अन्य लोगों के साथ मिलकर एक लाख लोगों की जिंदगी भर की जमा पूंजी को लूट लिया। इस मामले में प्राॅपर्टी को अटैच करने का अधिकार ईडी के पास है इसलिए वे अब तक बचे हुए हैं।

केंद्र को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए

गहलोत ने केंद्रीय एजेंसियों पर निशाना साधते हुए कहा कि देशभर में छापे मारने वाली ईडी ने अभी तक इस मामले में कार्रवाई क्यों नहीं की यह समझ से परे है। सीएम ने कहा कि आप स्वंय केंद्रीय मंत्री हैं, यदि आप कसूरवार नहीं हैं तो गरीबों को पैसा वापस दिलवाने में मदद क्यों नहीं करते? केंद्र सरकार को इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए जिसमें राजस्थान सरकार पूरा सहयोग करेगी।

नैतिक साहस है तो गजेंद्र सिंह पीड़ितों की बातें सुने

सीएम ने कहा कि दो दिन पहले जोधपुर दौरे पर संजीवनी घोटाले के पीड़ित उनसे मिलने आए थे। उनकी बातें सुनकर मैं भावुक हो गया था। किस प्रकार उनको झांसे में लेकर उनकी जीवनभर की जमा पूंजी लूटी गई थी। कई पीड़ितों के तो करोड़ों रुपये इस घोटाले में डूब गए हैं। अगर नैतिक साहस है तो गजेन्द्र सिंह को उनकी बातें सुननी चाहिए और समझना चाहिए कि उन्होंने कितना बड़ा अपराध किया है।


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