Surendra Pal Singh TT Minister Rules: राजस्थान में हुए मंत्रिमंडल विस्तार में सबसे ज्यादा चौंकाने वाला नाम सुरेंद्र पाल सिंह टीटी का रहा। श्रीकरणपुर से 5 जनवरी को विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे सुरेंद्र पाल सिंह टीटी बिना चुनाव लड़े ही मंत्री बन गए। ऐसा पहली बार हुआ जब कोई नेता बिना चुनाव लड़े ही मंत्री बन गया। ऐसे में सवाल ये कि अगर सुरेंद्र पाल सिंह टीटी चुनाव हार गए तो क्या होगा...क्या वे मंत्री बने रहेंगे या फिर उन्हें मंत्रीपद छोड़ना होगा। आइए जानते हैं क्या हैं नियम...
मंत्री बने रहेंगे सुरेंद्र पाल सिंह टीटी
अगर सुरेंद्र पाल सिंह टीटी चुनाव हार जाते हैं तो भी वे मंत्री बने रहेंगे क्योंकि इस बारे में कोई कानून नहीं है कि हारने वाला प्रत्याशी मंत्री नहीं बन सकता। उत्तर प्रदेश में केशव प्रसाद मौर्य समेत कई उदाहरण हैं जो चुनाव हारने के बाद भी मंत्री बन गए थे।
न तो पार्टी और न ही संविधान में इसे लेकर कोई नियम-कानून है कि हारे हुए प्रत्याशी को मंत्री नहीं बनाया जा सकता। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी भी खटीमा सीट से चुनाव हारने के बाद मुख्यमंत्री बनाए गए थे।
हालांकि उन्होंने चार महीने बाद चम्पावत उपचुनाव में शानदार जीत दर्ज कर अपनी सीट पक्की कर ली थी। किसी भी नेता को सीएम बनने के लिए या तो विधानपरिषद से चुनकर आना होता है या फिर किसी सीट पर उपचुनाव में जीत दर्ज करनी होती है। उसे 6 महीने के अंदर अपनी दावेदारी प्रस्तुत करनी होती है।
कांग्रेस हुई हमलावर
राजस्थान में हुए विधानसभा चुनावों में श्रीकरणपुर सीट पर मतदान नहीं हुआ था क्योंकि यहां कांग्रेस प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नर का निधन हो गया था। इस सीट पर 5 जनवरी को चुनाव हैं, लेकिन टीटी के मंत्री बनने से कांग्रेस हमलावर हो गई है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की है। उसका कहना है कि विधि के अनुसार ऐसा सही नहीं है। ये चुनाव आयोग की आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन है। जबकि बीजेपी का कहना है कि सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को राज्य मंत्री बनाने से पहले चुनाव आयोग से राय ली गई थी।
कौन हैं सुरेंद्र पाल सिंह टीटी
सुरेंद्र पाल सिंह टीटी बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं। वह 1994 से राजनीति में सक्रिय हैं। जट्ट सिख नेता टीटी पिछली वसुंधरा राजे सरकार में खान और पेट्रोलियम मंत्री रह चुके हैं। इससे पहले वे राजे सरकार में ही 2003 से 2008 तक कृषि मंत्री भी रह चुके हैं।
टीटी 1994 में राजस्थान वेयरहाउसिंग के अध्यक्ष रहे थे। सुरेंद्र पाल सिंह टीटी श्रीकरणपुर से एक बार फिर मैदान में हैं। उनके सामने कांग्रेस उम्मीदवार रुपिंदर सिंह कुन्नर हैं, जो कि पूर्व दिवंगत प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नर के बेटे हैं। इससे पहले टीटी ने श्रीकरणपुर से 2018 में चुनाव हार चुके हैं। उससे पहले उन्होंने दो बार जीत दर्ज की थी। देखना होगा कि टीटी इस चुनाव में कैसा प्रदर्शन करते हैं।
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