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राजस्थान में एक घंटे में लगे भूकंप के तीन झटके, जानें रिक्टर स्केल पर कितनी थी तीव्रता; मणिपुर में भी कांपी धरती

Rajasthan Earthquake: राजस्थान में गुरुवार रात एक घंटे के अंदर तीन बार भूकंप के झटके लगे हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता पहली बार 4.4, दूसरी बार 3.1 और तीसरी बार 3.4 मापी गई। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, भूकंप के तीनों झटके जयपुर में महसूस किए गए। फिलहाल, राजधानी में किसी तरह […]

बिहार के कई जिलों में भूकंप के झटके लगे हैं।
Rajasthan Earthquake: राजस्थान में गुरुवार रात एक घंटे के अंदर तीन बार भूकंप के झटके लगे हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता पहली बार 4.4, दूसरी बार 3.1 और तीसरी बार 3.4 मापी गई। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, भूकंप के तीनों झटके जयपुर में महसूस किए गए। फिलहाल, राजधानी में किसी तरह के जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, भूकंप के एक के बाद एक झटके लगने से जयपुर के लोग दहशत में आ गए। जयपुर के रहने वाले विकास ने बताया कि भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। उन्होंने बताया कि भूकंप आने के बाद घर की चीजों में कंपन्न महसूस हुई जिससे पूरा परिवार नींद से उठ गया और फौरन सड़क पर आ गया। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, जयपुर में सबसे पहले 4.4 तीव्रता वाली भूकंप आया। इसके कुछ देर बाद फिर से भूकंप के झटके लगे जिसकी तीव्रता 3.1 थी।   और पढ़िए – रायगढ़ भूस्खलन में अब तक 16 लोगों की मौत एनडीआरएफ ने आज फिर शुरू किया खोजबचाव अभियान  

मणिपुर में भी महसूस किए गए भूकंप के झटके

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, हिंसा प्रभावित मणिपुर में भी गुरुवार रात भूकंप के झटके महसूस किए गए। न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, मणिपुर के उखरुल में देर रात भूकंप आया। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 3.5 मापी गई। फिलहाल, भूकंप से किसी तरह के जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।

क्यों आता है भूकंप?

सरंचना के मुताबिक, पृथ्‍वी टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है। प्लेटों के नीचे तरल पदार्थ है जिस पर टैक्टोनिक प्लेट्स तैरती रहती है। कई बार ये प्लेट्स आपस में टकराती और ज्यादा दबाव पड़ने से ये प्लेट्स टूटने भी लगती है। ऐसे में नीचे उत्पन्न हुई उर्जा बाहर निकलने का रास्‍ता खोजती है और जब इससे डिस्‍टर्बेंस बनता है तो भूकंप आता है।

कितनी तीव्रता वाला भूकंप कितना खतरनाक

0 से 1.9- सिर्फ सिस्मोग्राफी से पता चलेगा। 2 से 2.9- हल्के झटके लगते हैं। 3 से 3.9- कोई तेज रफ्तार गाड़ी आपके बगल से गुजर जाए, ऐसा असर होता है। 4 से 4.9- खिड़कियां हिलने लगती है। दीवारों पर टंगे सामान गिर जाते हैं। 5 से 5.9- घरों के अंदर रखे सामान जैसे फर्नीचर आदि हिलने लगते हैं। 6 से 6.9- कच्चे मकान और घर गिर जाते हैं। घरों में दरारें पड़ जाती है। 7 से 7.9- बिल्डिंग और मकानों को नुकसान होता है। गुजरात के भुज में 2001 और नेपाल में 2015 में इतनी तीव्रता का भूकंप आया था। 8 से 8.9- बड़ी इमारतें और पुल धाराशायी हो जाते हैं। 9 और उससे ज्यादा- सबसे ज्यादा तबाही। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे भी धरती हिलती हुई दिखेगी। जापान में 2011 में सुनामी के दौरान रिक्टर स्केल पर तीव्रता 9.1 मापी गई थी।


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