TrendingIndigoind vs saBigg Boss 19

---विज्ञापन---

Rajasthan News: डीजीपी मिश्रा बोले- रेप के 42 प्रतिशत मामले होते हैं झूठे, जानें…

Rajasthan News: राजस्थान (Rajasthan) के डीजीपी उमेश मिश्रा (DGP Umesh Mishra) सोमवार को पुलिस मुख्यालय (Police Headquarter) में मीडिया से मुखातिब हुए। जहां उन्होंने साल 2022 के काम का लेखा-जोखा सामने रखा। इस दौरान उन्होंने कहा कि राजस्थान में रेप के 42 प्रतिशत मामले झूठे होते हैं। वहीं, देश में यह संख्या 8 प्रतिशत पर है। […]

Rajasthan News: राजस्थान (Rajasthan) के डीजीपी उमेश मिश्रा (DGP Umesh Mishra) सोमवार को पुलिस मुख्यालय (Police Headquarter) में मीडिया से मुखातिब हुए। जहां उन्होंने साल 2022 के काम का लेखा-जोखा सामने रखा। इस दौरान उन्होंने कहा कि राजस्थान में रेप के 42 प्रतिशत मामले झूठे होते हैं। वहीं, देश में यह संख्या 8 प्रतिशत पर है। उन्होंने कहा दूसरे राज्यों में तो रेप जैसे मामले दर्ज भी नही होते। और पढ़िए –MP Politics: मध्य प्रदेश में पंचांग की भविष्यवाणी से कांग्रेस हुई खुश, जानिए क्यों बढ़ी सियासी सरगर्मियां

रेप मामले में राजस्थान का 12वां स्थान

उन्होंने बताया कि नाबालिग बच्चियों से रेप के मामले में राजस्थान का 12वां स्थान हैं। पहले स्थान पर मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh), दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र (Maharastra) हैं। केस पेंडिंग मामले में राष्ट्रीय एवरेज 24.9 है, जबकि राजस्थान की 10.4 है। सजा प्रतिशत का राष्ट्रीय औसत 32.0 है, जबकि राजस्थान की 48.0 है। डीजीपी मिश्रा ने बताया कि झूठा केस दर्ज करवाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

रेप मामलों की हो रही तुरंत जांच

डीजीपी उमेश मिश्रा ने बताया कि रेप के मामलों में तुरंत जांच की गई। पिछले 4 साल में कोर्ट से आरोपियों को 12 मामलों में मृत्युदण्ड की सजा, 466 प्रकरणों मे 20 वर्ष के कठोर कारावास से आजीवन कारावास की सजा और 750 प्रकरणों में अन्य सजा कराई गई। वहीं, 2022 में कोर्ट से आरोपियों को 5 मामलों में मृत्युदण्ड की सजा, 209 प्रकरणों मे 20 साल के कठोर कारावास से आजीवन कारावास की सजा और 209 मामलों में अन्य सजा कराई गई। और पढ़िए –Buxar News: चौसा पहुंचे राकेश टिकैत ने किसानों के लिए कह दी ये बड़ी बात, जानें…

थानों में बनाए जा रहे स्वागत कक्ष

डीजीपी मिश्रा ने बताया कि थाने के अंदर पुलिस व्यवहार को लेकर बड़ी शिकायत सुनने को मिलती हैं। थाने में अच्छा व्यवहार नही किया जाता। कुछ लोग तो इन सब से इतना आहत हो जाते है कि वे अपनी मूल शिकायत छोड़कर, थाने में हुए व्यवहार की ज्यादा शिकायत करने लगते हैं। इसलिए थानों में स्वागत कक्ष खोले गए हैं। जहां पर पीड़ित अधिकार के साथ प्रवेश करेगा। और पढ़िए –देश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें


Topics:

---विज्ञापन---