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DGP ऑफिस पर कांग्रेस ने क्यों दिया धरना? नेता बोले- लोकतंत्र की आवाज को दबाने का प्रयास

राजस्थान की सियासत इन दिनों खूब गरमा गई है। सीकर में हुए एक विरोध प्रदर्शन को लेकर पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया, जिससे नाराज होकर कांग्रेस नेता सीधे जयपुर में DGP ऑफिस पहुंच गए। वहां उन्होंने धरना देकर लोकतंत्र की आवाज दबाने का आरोप लगाया।

Rajasthan Congress protest
राजस्थान में कांग्रेस पार्टी ने पुलिस की कार्रवाई के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया है। कांग्रेस के कई बड़े नेता जयपुर स्थित DGP मुख्यालय पहुंचे और DGP के चेंबर के बाहर धरने पर बैठ गए। इस धरने में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, विधायक रामलाल शर्मा, मुरारी लाल मीणा समेत कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हैं। कांग्रेस नेताओं ने पुलिस पर पक्षपात करने और विपक्षी कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने का आरोप लगाया है।

सीकर में काले झंडे दिखाने पर हुई गिरफ्तारी

दरअसल यह पूरा मामला सीकर जिले का है। तीन दिन पहले मुख्यमंत्री के सीकर दौरे के दौरान NSUI जिला अध्यक्ष ने छात्र संघ चुनाव को फिर से शुरू करने की मांग करते हुए CM के काफिले के सामने काले झंडे दिखाए थे। कांग्रेस का कहना है कि सिर्फ इस एक घटना के आधार पर पुलिस ने NSUI जिला अध्यक्ष के अलावा कई और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भी गिरफ्तार कर लिया है। पार्टी ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताया है और पुलिस की कार्रवाई को गलत ठहराया है।

बिना वजह की जा रही कार्रवाई

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि जिन कार्यकर्ताओं ने कोई विरोध प्रदर्शन नहीं किया, उन्हें भी पुलिस ने बिना कारण के गिरफ्तार कर लिया है। कुछ नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष के नेताओं के इशारे पर यह कार्रवाई की गई है। कांग्रेस का कहना है कि पुलिस न सिर्फ एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को टारगेट कर रही है, बल्कि उनके परिवार वालों को भी परेशान किया जा रहा है। ऐसे में कांग्रेस नेताओं ने पुलिस महानिदेशक से मिलने की मांग की, लेकिन जब उनकी बात नहीं सुनी गई तो सभी नेता डीजीपी के चेंबर के बाहर ही धरने पर बैठ गए।

नहीं रुकी कार्रवाई तो होगा आंदोलन

धरने पर बैठे नेताओं ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। पुलिस निष्पक्ष होकर काम नहीं कर रही है, बल्कि राजनीतिक दबाव में आकर काम कर रही है। कांग्रेस नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर पुलिस ने जल्द ही गिरफ्तार किए गए सभी कार्यकर्ताओं को रिहा नहीं किया और कार्रवाई पर सफाई नहीं दी, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात कहने का हक है और काले झंडे दिखाना कोई अपराध नहीं है। कांग्रेस ने यह भी मांग की कि NSUI नेताओं पर लगे सभी केस वापस लिए जाएं।


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