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‘महाकुंभ नहीं जाऊंगा, राम मंदिर कब जाना है, खुद तय करूंगा’; जानें कांग्रेस नेता शशि थरूर ऐसा क्यों बोले?

Congress Leader Shashi Tharoor Interview: कांग्रेस नेता शशि थरूर में प्रयागराज महाकुंभ और राम मंदिर आयोध्या जाने के सवाल का खुलकर जवाब दिया। उन्होंने इनके अलावा भी कई मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। आइए जानते हैं कि उन्होंने क्या कहा?

Shashi Tharoor
Shashi Tharoor Reaction on Issues (केजे श्रीवत्सन, जयपुर): कांग्रेस नेता शशि थरूर ने आज राजस्थान में आयोजित एक कार्यक्रम में कई मुद्दों पर खुलकर अपने विचार रखे। उन्होंने धर्म और धार्मिक स्थलों पर जाने को लेकर साफ-साफ शब्दों में स्पष्ट बयान दिया। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति का धर्म क्या है, यह वही तय करेगा, न कि कोई राजनीतिक पार्टी। मैं राम मंदिर जाऊंगा, लेकिन कब जाऊंगा, यह मैं तय करूंगा, कोई राजनीतिक दल नहीं। महाकुंभ मेले में जाने का विचार किया था, लेकिन भगदड़ जैसी घटनाओं के बाद यात्रा टाल दी। मैं सनातनी हूं और इसके लिए मुझे किसी प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है। धार्मिक स्थलों पर मेरा जाना सिर्फ मेरे मन की इच्छा पर निर्भर करता है, न कि किसी राजनीतिक फायदे पर। महाकुंभ पर तंज कसते हुए, महाकुंभ में स्नान करने से पाप मिटने के सवाल पर थरूर ने हल्के फुहार में कहा कि पाप करते ही क्यों हो यार? धार्मिक आयोजनों का राजनीतिक उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। यह भी पढ़ें:‘शर्म आती है कमियां स्वीकार करने में’; विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जानें ऐसा क्यों कहा?

केंद्रीय बजट पर तीखी प्रतिक्रिया

केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए शशि थरूर ने कहा कि देश को इस समय रोजगार की आवश्यकता है, लेकिन वित्त मंत्री ने बेरोजगारी का जिक्र तक नहीं किया। आमदनी दिन-प्रतिदिन घट रही है, जबकि खर्च बढ़ता जा रहा है। बड़े निवेशक देश छोड़ रहे हैं और इसका कारण खोजने की आवश्यकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है, जिसके कारण छोटे उद्योग रोजगार देने में असमर्थ हैं।

मिडिल क्लास खुश, गरीबों की अनदेखी

इनकम टैक्स छूट पर शशि थरूर ने कहा कि 12 लाख रुपये तक की छूट से मिडिल क्लास तो खुश है, लेकिन जिनके पास रोजगार नहीं है, उनके लिए बजट में कोई राहत नहीं है। यह भी पढ़ें:एक और देश की युद्ध की धमकी! ईरान का इरादा बेहद खतरनाक, जानें अमेरिका और भारत पर क्या पड़ेगा असर?

रक्षा बजट की सराहना

रक्षा क्षेत्र में सबसे ज्यादा आवंटन पर थरूर ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि चीन जैसे देशों को यह संदेश मिलना चाहिए कि भारत ताकतवर है।

शिक्षा और मनरेगा पर चिंता

शशि थरूर ने मांग की कि शिक्षा पर जीडीपी का कम से कम 6 फीसदी खर्च होना चाहिए, जो फिलहाल 4.8 फीसदी है। उन्होंने मनरेगा के बजट में कटौती पर भी नाराजगी जताई और इसे गलत करार दिया। यह भी पढ़ें:Budget 2025 Highlights: बजट में वित्तमंत्री के 15 बड़े ऐलान; किसानों-बुजुर्गों, महिलाओं-युवाओं पर रहा फोकस


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