के जे श्रीवत्सन, जयपुर: पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने सोमवार को साध्वी ऋतंभरा द्वारा किए गये श्रीमद् भागवत कथा के वाचन का श्रवण किया। इस अवसर पर श्रीमती राजे ने कहा कि भगवान का स्मरण करने से जीवन में जो भी बाधाएं आती हैं, वे स्वतः ही दूर हो जाती है। इसलिए जब भी समय मिले भागवत कथा जरूर सुनें तथा अपने बच्चों को भी सुनाएं। जिससे आने वाली पीढ़ियां आस्थावान और संस्कारवान बन सके।
उन्होंने कहा कि द्रौपदी ने अपनी लाज की रक्षा के लिए कृष्ण का स्मरण किया तो भगवान ने उसकी लाज बचाई। भगवान ने स्वयं कहा था कि जो भक्त मेरे शरणागत है,उनकी सहायता के लिए मैं हर समय तत्पर हूं। भागवत महापुराण भगवान श्रीकृष्ण का ही ग्रंथ अवतार है, जिसके 18 हज़ार श्लोकों में भगवान की अपने भक्तों पर करुणा का व्यापक वर्णन है। यह कथा सुनने से ना केवल मन का शुद्धिकरण होता है, बल्कि हृदय के अन्तःकरण में शांति स्थापित होती है तथा दुखों से मुक्ति मिलती है।
श्रीमती राजे ने कहा कि 24 साल पहले साध्वी ऋतंभरा ने वृंदावन में वात्सल्य ग्राम की स्थापना की थी। जहां बेसहारा बच्चों को माता और बेसहारा माताओं को बच्चों से मिला कर एक परिवार स्वरूप जिंदगी जीने का अवसर दिया जाता है। उनकी यह पहल बेसहारों के लिए मां के आंचल की छांव बन रही है।
उन्होंने कहा कि कथा सुनने से ना केवल मन का शुद्धिकरण होता है, बल्कि हृदय के अन्तःकरण में शांति स्थापित होती है तथा दुखों से मुक्ति मिलती है।