के जे श्रीवत्सन, जयपुर: सरकार के आश्वासन के बाद बीजेपी के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा का जल क्रांति आंदोलन खत्म हुआ। पूर्वी नहर सिंचाई परियोजना (ईआरसीपी) राजस्थान के 13 जिलों में सिंचाई और पेयजल की प्रस्तावित सबसे बड़ी परियोजना है, लेकिन केंद्र और राजस्थान सरकार के बीच में चल रहे आरोप-प्रत्यारोप के चलते यह आगे नहीं बढ़ पा रही है। इसी कारण से ईस्टर्न रिवर कैनाल प्रोजेक्ट को लेकर जयपुर कूच का ऐलान था। जिसके चलते प्रशासन के हाथ पांव फूल गए, क्योंकि हजारों समर्थकों के साथ दौसा में एक जनसभा करने के बाद दिन में ही जयपुर की ओर कूच कर दिया था, लेकिन दौसा- जयपुर के बीच रास्ते में पुलिस ने बैरिकेड लगाकर इन सभी को रोक दिया।
हाईवे पर ही बैठ गए
इससे नाराज किरोड़ी लाल मीणा के समर्थक हाईवे पर ही बैठ गए। जिसके चलते नेशनल हाईवे 21 पर यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। मामले को बढ़ता देख सरकार की ओर से पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह खुद राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा से बातचीत के लिए आंदोलन स्थल पर पहुंचे और बातचीत में आश्वासन दिया कि 48 घंटे के भीतर सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों और तकनीकी विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाई जाएगी। वह दिल्ली जल शक्ति मंत्रालय के अधिकारियों से बातचीत करेगी, ताकि परियोजना को शुरू किया जा सके।
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प्रस्ताव किया स्वीकार
किरोड़ी लाल मीणा ने सरकार के इस प्रस्ताव को स्वीकार किया और अपना आंदोलन स्थगित करने का ऐलान किया। हालांकि उन्होंने यह भी चेतावनी दे दी कि अगले 48 घंटे के भीतर सरकार अपने वादे पर खरा नहीं उतरती है तो वह इसे लेकर इससे भी बड़ा आंदोलन करेंगे। किरोड़ी लाल मीणा ने यह भी कहा कि केंद्र और राज्य के बीच इस परियोजना को लेकर आगे कोई राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप ना हो इसीलिए सभी दल के प्रतिनिधियों और तकनीकी विशेषज्ञों को भी इस समिति में शामिल किया गया है।
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