पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक बार फिर अकाली दल और भाजपा गठजोड़ की जोरदार वकालत की है. उन्होंने ने कहा कि अगर 2027 में भाजपा की सरकार बननी है तो इसके लिए भाजपा को अकाली दल से गठबंधन करना पड़ेगा, जिसको लेकर पंजाब में हर तरफ अकाली दल भाजपा गठजोड़ की सियासत को लेकर फिर से चर्चा शुरू हो चुकी है. वहीं पर अभी इसके ऊपर अकाली दल ने अपना कोई भी प्रतिक्रम नहीं दिया है.
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने क्या कहा?
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि अगर भाजपा को पंजाब में विजय हासिल करना है तो उसको अकाली दल से गठबंधन करना पड़ेगा और इसके बाद ही 2027 में पंजाब में सरकार बन सकेगी. उन्होंने कहा कि यह गठबंधन तो 2024 में भी होने वाला था, जिसके लिए उनकी सुखबीर बादल के साथ दो बार मीटिंग भी हुई और अकाली दल, बीजेपी को पांच सीटे देने के लिए मान गया था. उन्होंने इसके लिए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से बात कर ली थी.
---विज्ञापन---
यह भी पढ़ें: अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर के युवाओं की सोच में आया परिवर्तन, मातृभूमि की रक्षा के लिए हैं प्रतिबद्ध
---विज्ञापन---
बनते-बनते बिगड़ गई थी बात
अमरिंदर सिंह के मुताबिक इसके बाद जब गृह मंत्री अमित शाह से सुखबीर बादल की बात हुई तो, बीजेपी को तीन सीटें देने की बात कही गई. ये सुनकर अमित शाह नाराज हो गए. उन्होंने फौरन सभी सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों को घोषणा किए जाने की बात कही जिसके बाद के हालात सभी को पता हैं. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आगे कहा कि अगर भाजपा को अपना कैडर पंजाब में हर जगह बनाना है तो उसको आने वाले दस पंद्रह साल तक सरकार के लिए इंतजार करना पड़ेगा, उसके बाद ही ऐसा सब कुछ सम्भव हो पाएगा.
पर्दे के पीछे चल रही गठजोड़ की बात!
सूत्रों के अनुसार इस समय भी 2027 को लेकर अकाली दल और भाजपा धीरे-धीरे बिना आहट के कदम बढ़ाने में लगे हुए हैं. जिस तरह से तरनतारन में अकाली दल को वोट मिले और इस चुनाव में उसने अपनी जोरदार उपस्थिति दर्ज करवाई, वहां पर एसएसपी को सस्पेंड करवाने में कामयाब हुआ, इससे वहां पर वर्करों में जोश भरा और नतीजा अकाली दल को ऑक्सीजन देने वाला रहा.
मंझे हुए राजनीतिक खिलाड़ी हैं कैप्टन अमरिंदर
इस घटनाक्रम की चर्चा सारे प्रदेश में हुई इसी तरह अकाली दल की उमीदवार सुखविंदर कौर की बेटी कंचनप्रीत के खिलाफ पुलिस ने मामले दर्ज किए और जमानत मिली लेकिन पुलिस ने फिर से अन्य मुकदमों में उनको गिरफ्तार कर लिया. जिसके बाद हाई कोर्ट के हुक्म पर रात को तरनतरन में अदालत लगी और सुबह चार बजे कंचनप्रीत की रिहाई के लिए अदालत ने हुक्म सुनाया. इस फैसले से तरफ अकाली दल की चर्चा चलने लगी है. इसी के साथ जोड़ कर कैप्टन अमरिंदर सिंह की भावनाओं को भी देखा जा रहा है क्योंकि वह एक मंझे हुए राजनीतिक खिलाड़ी हैं. भविष्य का ज्ञान हर राजनेता को होता है कि आने वाला समय कैसा है?
वहीं, दूसरी तरफ पर सूत्र यह भी दावा कर रहे है कि केंद्रीय एजेंसियो ने भी लोगों की नब्ज टटोलनी शुरू की हुई है और उन्होंने भी भाजपा हाईकमान को अपनी रिपोर्ट भेजी है इसी तरह भाजपा हाईकमान अपने लेवल पर भी सर्वे करा रही है. कैप्टन अमरिंदर सिंह इस बात पर भी जोर दे रहे हैं कि सुखबीर सिंह बादल अपनी जुबान के पक्के हैं जो उन्होंने वायदा का लिया उसको वह पूरा करता है जो स्वर्गीय प्रकाश सिंह बादल से एकदम उलट है. वही पर अब जिस तरह से अकाली दल अपने चुनाव निशान पर पंजाब में होने वाली जिला परिषद और ब्लाक समिति के चुनावों में बड़े जोश के साथ उतरने के लिए उतावला है.
अकाली दल अपने कैडर में जोश भरने में सफल रहा है जो आम लोग अकाली दल को छोड़ रहे थे वह धीरे-धीरे अकाली दल की नीतियों को देखते हुए वापिस आने लगे है जिसने इस समझौते को लेकर हवा बनने लगी है. वही पर पंजाब भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह हमारे बजुर्ग है हम उनका आदर मान करते है यह उनके अपने विचार है और पार्टी पंजाब में 117 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. फिलहाल अकाली दल की टॉप लीडरशिप ओर भाजपा केंद्रीय नेताओं की चुप्पी आने वाले समय में ऐसे संकेत दे रही है कि पर्दे के आगे कुछ ओर है और पर्दे के पीछे कुछ ओर है जिसके लिए कुछ महीने ओर इंतजार करना पड़ सकता है.