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50 हजार करोड़ के फ्रॉड में भगोड़ा PACL का डायरेक्टर धर्मेंद्र सिंह चढ़ा विजीलैंस के हत्थे, ऐसे लगाया था लोगों को चूना

Former PACL director Dharminder Singh arrested, चंडीगढ़: पर्लज़ एग्रोटेक कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PACL) घोटाला मामले को लेकर एक बड़ी अपडेट सामने आई है। पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने मंगलवार को गैर-कानूनी तौर पर नियुक्त किये गए PACL के डायरेक्टरों में से एक धरमिन्दर सिंह संधू को गिरफ्तार किया गया है। धरमिन्दर सिंह पिछले काफी समय से फरार […]

Former PACL director Dharminder Singh arrested, चंडीगढ़: पर्लज़ एग्रोटेक कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PACL) घोटाला मामले को लेकर एक बड़ी अपडेट सामने आई है। पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने मंगलवार को गैर-कानूनी तौर पर नियुक्त किये गए PACL के डायरेक्टरों में से एक धरमिन्दर सिंह संधू को गिरफ्तार किया गया है। धरमिन्दर सिंह पिछले काफी समय से फरार चल रहे थे। विजीलैंस ब्यूरो की कड़ी मेहनत के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया हैं, उस पर IPC की कई धाराओं के तहत FIR दर्ज किया गया है।

50,000 करोड़ रुपए का घपला

विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने इस गिरफ्तारी के बारें बताते हुए कहा कि फरार आरोपी धरमिन्दर सिंह संधू जालंधर के रामा मंडी का रहने वाला हैं। PACL कंपनी ने लगभग 5 करोड़ भोले-भाले निवेशकों के साथ करीब 50,000 करोड़ रुपए का घपला किया गया है।

ये पूरा मामला 

इस पूरे मामले को विस्तार से समझाते हुए ब्यूरो के प्रवक्ता कहा कि, कंपनी पर शक तब हुआ जब कहा गया कि PACL की ऐकस्ट्राऑरडेनरी जनरल बॉडी मीटिंग यानी (EOGM) 1 जनवरी 2022 को जयपुर में स्थित मैसर्ज़ PACL के रजिस्टर्ड दफ़्तर में हुई। और इस EOGM के आधार पर PACL के तीन नये डायरेक्टर्स हिरदेपाल सिंह ढिल्लों, सन्दीप सिंह माहल और धरमिन्दर सिंह संधू की नियुक्ति की गई है। लेकिन सोचने वाली बात ये है कि जब जयपुर का मैसर्ज़ PACL के रजिस्टर्ड ऑफिस पिछले 7-8 सालों से बंद पड़ा है तो मीटिंग कहा हुई। इससे ये साफ था कि EOGM की कभी कोई मीटिंग हुई ही नहीं, और फर्जी मीटिंग के आधार पर गैर-कानूनी तरीके से तीनों नये डायरेक्टर्स की नियुक्ति की गई थी। यह भी पढ़ें: पंजाब में बढ़ा नशा तस्करों का आतंक, हेड कांस्टेबल के ऊपर चढ़ाई थार

अपराध में CA शामिल

तीनों आरोपियों ने लुधियाना के चार्टर्ड अकाउंटैंट (CA) जसविन्दर सिंह डांग के साथ मिलकर रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज, जयपुर के पास अपने जाली दस्तावेज जमा करवाए और मंत्रालय (MCA) की वैबसाईट पर PACL के डायरेक्टर के तौर पर अपने नाम दर्ज करवा लिए। प्रवक्ता ने आगे बताया कि गैर- कानूनी तरीके से नियुक्त किये गए तीनों डायरेक्टर ने जस्टिस (सेवामुक्त) आरएम लोढा की अध्यक्षता अधीन सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी की इजाज़त बगैर PACL की संपत्ति को बेचने के लिए संदिप सिंह माहल के हस्ताक्षरों के तहत कई लोगों को नोटिस जारी किये और उनसे पैसे वसूले।

FIR दर्ज

प्रवक्ता ने आगे बताया कि आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 406, 420, 465, 467, 468, 471, 384 और 120 बी के अंतर्गत स्टेट क्राइम पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज करवाई गई है। जानकारी के अनुसार, इस मामले में संदिप सिंह माहल और CA जसविन्दर सिंह डांग के खिलाफ पहले ही चार्जशीट फाइल हो चुकी है और उन्हें न्यायिक हिरासत में रखा गया हैं। बता दे कि, PACL की जायदादों को बेचने और बिक्री से होने वाली कमाई PACL में निवेश करने वाले निवेशकों को वापिस करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जस्टिस (सेवामुक्त) आर. एम. लोढा की अध्यक्षता अधीन एक कमेटी गठित की है। हाल ही में, कंपनी मामलों के मंत्रालय ने PACL के डायरेक्टर की सूची में से हिरदेपाल सिंह ढिल्लों, सन्दीप सिंह माहल और धरमिन्दर सिंह संधू के नाम हटा दिया हैं।


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