चंडीगढ़: पंजाब के वित्त एवं योजना मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने मंगलवार को बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान का नेतृत्व अधीन पंजाब सरकार वर्ष 2030 तक आर्थिक विकास दर 7. 5 प्रतिशत वार्षिक और वर्ष 2047 तक 10 प्रतिशत वार्षिक हासिल करने के लिए विजन दस्तावेज़ तैयार कर रही है। उन्होंने कहा कि यह दस्तावेज़ आने वाली सरकारों के लिए भी अपने प्रयतनों और नीतियों को सही दिशा में केंद्रित करने के लिए एक मार्गदर्शक दस्तावेज़ के तौर पर काम करेगा।
पंजाब भवन में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधन करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि योजना विभाग की तरफ से तैयार किया जा रहा यह व्यापक दस्तावेज़ मौजूदा स्थिति, अलग-अलग क्षेत्रों की चुनौतियों , लघु अवधि ( 2030) और दीर्घ अवधि( 2047) के लक्ष्यों, और इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए रणनीतियों पर प्रकाश डालेगा। उन्होंने कहा कि इसका उद्धेश्य अलग- अलग प्रशासनिक विभागों और एजेंसियां के प्रयतनों से एकत्रित करके चुनौतियों का सामना करने और माने गए क्षेत्रीय लक्ष्यों को प्राप्त करना है।
वित्त मंत्री ने आगे बताया कि यह दस्तावेज़ उन क्षेत्रों को भी उजागर करेगा जिनके बारे गंभीर और सख़्त यतनों की ज़रूरत है जिससे रोजग़ार, उद्योग, कृषि और ग्रामीण विकास, बुनियादी ढांचो के विकास, टिकाऊ शहरों और निवास स्थानों को प्रौत्साहन देते हुए राज्य की आर्थिकता को पुन: सुरजीत किया जा सके।
स. चीमा ने कहा कि सामुहिक और समान गुणवत्ता वाली शिक्षा, सेहत बुनियादी ढांचा और व्यवस्था, लिंग समानता प्राप्त करने, किफ़ायती और साफ़ ऊर्जा, जलवायु को बचाने के लिए कार्यवाही और कुदरती स्रोतों की संभाल को यकीनी बनाने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रयत्न किये जा रहे हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार प्रभावशाली, आर्थिक नीतियों और -सरकार तुहाडे द्वार-जैसे लोक समर्थकी प्रोग्रामों के द्वारा -रंगला पंजाब-बनाकर सूबे की पुरानी शान को फिर बहाल करने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि ‘ सरकार तुहाडे द्वार’ प्रोगराम के अंतर्गत अब तक तीन कैबिनेट बैठकें लुधियाना, जालंधर और मानसा में हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि सूबे में पहली बार अफसरशाही को सीधे तौर पर लोगों प्रति जवाबदेह बनाकर समूची प्रशासन प्रणाली में क्रांति लाई गई है।
‘सरकार तुहाडे द्वार’ का महत्व पर बताते हुए स. चीमा ने कहा कि इन प्रोग्रामों दौरान आम लोग, संस्थाएंं और ग़ैर-सरकारी संस्थाएं सीधे तौर पर सम्बन्धित विभाग के कैबिनेट मंत्री के समक्ष अपने मुद्दे उठा सकते हैं, जिससे जि़ला स्तरीय प्रशासन पर समय पर सेवाएं देने और बकाया कार्यो को पूरा करने के लिए दबाव बढ़ गया है। स. हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि उन्होंने अपने कैबिनेट साथी स. कुलदीप सिंह धालीवाल के साथ इस प्रोग्राम दौरान 23 अलग- अलग यूनियनों और ऐसोसीएशनों के साथ हाल ही में मानसा में मीटिंग की और यह प्रोग्राम सरकार को लोगों से फीडबैक प्राप्त करने में भी मदद कर रहा है।
इस बात पर ज़ोर देते कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की सबसे अधिक जवाबदेही सूबे के लोगों के प्रति है, वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि मानसा में हाल ही में हुई मंत्री मंडल की मीटिंग दौरान 14239 अध्यापकों की सेवाओं को नियमित करने का फ़ैसला लिया गया था। उन्होंने कहा कि ऐसा फ़ैसला पंजाब के इतिहास में पहली बार किसी सरकार की ओर से लिया गया है और वह भी कार्यकाल के शुरुआती वर्ष दौरान। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों को दीं गई अधिकतर गारंटियों को पूरा कर दिया गया है और बाकी रहते वायदे भी पूरे किये जाएंगे।