नरेंद्र नंदन, जालंधर
पानी के मुद्दे को लेकर पंजाब और हरियाणा में विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है तो अब हिमाचल की एंट्री के बाद मामला और गरमा गया है। जिसे लेकर आप के कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने हिमाचल के सीएम पर निशाना साधा है तो अब पंजाब कांग्रेस के विधायक का भी बयान सामने आया है। जालंधर कैंट के विधायक प्रगट सिंह ने कहा हिमाचल ओर पंजाब दोनों रिपेरियन स्टेट है और जितना हिमाचल का हक है उतना ही पंजाब का हक है। हरियाणा और राजस्थान दोनों रिपेरियन स्टेट नहीं है और दोनों संवैधानिक तौर पर कोई इजाजत नहीं है। प्रगट सिंह ने कहा कि पंजाब के साथ अभी तक नाइंसाफी ही हुई है और पंजाब का पुर्नगठन एक्ट के तहत सेक्शन 78,79,80 के कारण पंजाब के साथ जबरदस्ती हुई है,जिस कारण हरियाणा और राजस्थान को पंजाब का पानी गया है।
पंजाब के साथ नाइंसाफी हो रही
प्रगट सिंह ने कहा कि हिमाचल का अगर कुछ बनता है तो हरियाणा या राजस्थान से बनता है जबकि पंजाब से उनका कुछ नहीं बनता है। हम कानून की बात करते है और पंजाब के साफ नाइंसाफी हो रही है। हिमाचल ओर राजस्थान में किसी ओर राज्य का व्यक्ति लॉ बने होने के कारण कोई जमीन नहीं ले सकता तो पंजाब में भी ऐसा कानून बनाना चाहिए। पहलगाम में जो हुआ है वह बहुत गलत हुआ है और जो लोग मारे गए हैं उनके साथ पूरा देश खड़ा है।
चन्नी के बयान पर दी ये प्रतिक्रिया
चरणजीत सिंह चन्नी द्वारा दिए गए विवादित बयान को लेकर प्रगट सिंह ने कहा कि उन्होंने स्टेटमेंट देखी नहीं है और अगर देखी भी है तो वह इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। वहीं भाजपा को लेकर कहा कि भाजपा ऐसे बयानों को तोड़ मरोड़ कर पेश करती है और भाजपा की सोशल मीडिया एलटी विंग भी बयानों को तोड़ मरोड़ कर पेश करता है।
पंजाब-हरियाणा में जल संकट क्यों गहराया?
बता दें कि पंजाब और हरियाणा के बीच पानी का मुद्दा राज्य के निर्माण के साथ ही शुरू हुआ था जोकि अभी भी बरकरार है। ताजा विवाद तब हुआ जब भाखड़ा ब्यास प्रबंधन की बैठक के दौरान हरियाणा ने 8500 क्यूसेक पानी मांगा। हरियाणा को रोजाना 4000 क्यूसेक पानी मिल रहा है लेकिन अब उसने 8500 क्यूसेक पानी मांगा है। इसके बाद पंजाब के सीएम ने कहा कि पंजाब पहले से ही जल संकट से जूझ रहा है ऐसे में हम पानी की एक बंूद नहीं दे सकते।
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पंजाब ने दिया ये तर्क
पंजाब ने कहा कि इस बार पहाड़ों में कम बर्फबारी के चलते पोंग और रंजीत सागर बांधों का जल स्तर औसत से भी कम है। पंजाब का दावा है कि हर लेखा वर्ष की शुरुआत में बीबीएमबी प्रत्येक राज्य को उसके जल का हिस्सा निर्धारित करता है। चालू वर्ष के लिए पंजाब को 5.512 मिलियन एकड़ फुट, हरियाणा को 2.987 मिलियन, राजस्थान को 3.318 मिलियन एकड़ फुट पानी का आवंटन किया गया। इस आवंटन के खिलाफ हरियाणा ने पहले ही 3.110 मिलियन फुट पानी वापस ले लिया। इसके पीछे उसने तर्क दिया कि उसे पीने के पानी की जरूरत ज्यादा है।
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