Indian Army Kapi Dhwaja: भारत में लोग बाढ़, आग, कीचड़ या बर्फबारी में फंस जाएं तो कोई टेंशन नहीं, क्योंकि लोगों के लिए भारतीय सेना का 'कपि ध्वज' उनके लिए फरिश्ता बनकर आया है। ATOR N1200 नामक स्पेशल मोबिलिटी व्हीकल (SMV) को देश में ही बनाया गया है, जो पलक झपकते ही सड़क पर रोबोट की तरह दौड़ने लगता है। पानी में तैरने लगता है और पहाड़ों पर चढ़ने लगता है। मरीजों के लिए इसका एंबुलेंस मॉडल भी है।
चंडीगढ़ में बनाए जाते हैं यह वाहन
बता दें कि 'कपि ध्वज' में एक साथ 7 लोग बैठ सकते है। पानी में यह वाहन 6 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ता है तो सड़क पर 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ता है। चंडीगढ़ में इस वाहन को बनाया जाता है, जिसे एंबुलेंस में बदलकर किसी भी दुर्गम स्थान पर फंसे मरीजों को निकालकर अस्पताल पहुंचाया जा सकता है। यह वाहन भारतीय सेना को खड़े या भरे पानी के अंदर पहुंचा सकता है। जहां हेलीकॉप्टर नहीं जा सकता, वहां तक पहुंचा सकता है।
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पंजाब में इस्तेमाल किया गया वाहन
भारतीय सेना के इस अनोखे वाहन का कमाल हाल ही में पंजाब में देखने को मिला, जहां बाढ़ में डूबे गांवों से लोगों को सेना ने इसी वाहन के जरिए रेस्क्यू किया। सतलुज, ब्यास और रावी नदियों का जलस्तर बढ़ने से गांव पानी में डूब गए और लोग फंस गए, जिन्हें इस वाहन ने ही पानी में जाकर रेस्क्यू किया।
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इंडियन आर्मी की इंजीनियरिंग और रेस्क्यू यूनिट्स ने नावों और बोट्स के जरिए हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया। सेना के हेलीकॉप्टरों से बाढ़ग्रस्त इलाकों में खाद्य सामग्री, पीने का पानी और दवाइयां पहुंचाई गईं। सेना के जवान बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं को प्राथमिकता से निकाल रहे हैं।
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'कपि ध्वज' की अन्य खासियतें
स्पेशलिस्ट मोबिलिटी व्हीकल बनाने वाली कंपनी के अधिकारी जसकीरत सिंह नागरा बताते हैं कि कंपनी ने अलग-अलग राज्यों की सरकारों और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों से संपर्क किया है। 'कपि ध्वज' को लेकर काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिला है। कुछ प्राइवेट लोग भी इसे खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं। इसमें 55 हॉर्स पावर का इंजन काम करता है।
1200 क्विंटल वजन इसमें ले जाया जा सकता है। इसके टायरों की हवा निकालकर इसे नीचे भी किया जा सकता है। हवा भरकर इसको सड़क पर दौड़ाया भी जा सकता है। इसके अंदर गोल स्टीयरिंग नहीं है, बल्कि यह सिर्फ लीवर से ही काम करता है और 3 सिलेंडर वाला इंजन इसमें लगा है। तापमान के अनुसार यह ठंडा और गर्म भी हो जाता है।
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पंजाब में इतनी गंभीर है स्थिति
बता दें कि पंजाब में बाढ़ से हालात काफी खराब हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान खुद राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। सभी बाढ़ प्रभावित जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को 24 घंटे अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार ने अब तक 325 राहत शिविर स्थापित किए हैं, जहां तकरीबन 48000 से अधिक लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है। इन शिविरों में भोजन, स्वच्छ पानी और दवाइयों की व्यवस्था की गई है।
बाढ़ से अब तक लगभग करीब 520 गांव प्रभावित हो चुके हैं। करीब 1.2 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि पानी में डूब चुकी है। करीब 65000 से ज्यादा लोग विस्थापित होकर सुरक्षित स्थानों पर शरण ले चुके हैं। करीब 27000 पशुओं को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। पठानकोट, गुरदासपुर, जालंधर, फिरोजपुर, अबोहर, कपूरथला और तरनतारन जिलों के गांव सबसे ज्यादा बारिश और बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।