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भाई भारत में… बहन पाकिस्तान में: 74 साल बाद हुआ मिलन तो फूट-फूटकर रोए

Independence Day: 14 अगस्त 1947 का वो दिन, जब भारत और पाकिस्तान आधिकारिक रूप से अलग हुए। इस बंटवारे ने कई दिलों को ऐसे जख्म दिए, जो वक्त के साथ रह रह कर उभरते रहे। बंटवारे के बाद हजारों लोग पाकिस्तान से भारत और भारत से पाकिस्तान गए। इन्हीं दर्दभरी कहानियों के बीच आज एक […]

Independence Day: 14 अगस्त 1947 का वो दिन, जब भारत और पाकिस्तान आधिकारिक रूप से अलग हुए। इस बंटवारे ने कई दिलों को ऐसे जख्म दिए, जो वक्त के साथ रह रह कर उभरते रहे। बंटवारे के बाद हजारों लोग पाकिस्तान से भारत और भारत से पाकिस्तान गए। इन्हीं दर्दभरी कहानियों के बीच आज एक ऐसा वाक्या सामने आया है, जिसने हर किसी की आंख नम कर दी है। करतारपुर कॉरिडोर रविवार (6 अगस्त) को 74 साल बाद दो बुजुर्ग भाई-बहन गले लगे और खूब रोए। न्यूज साइट टीओआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के शेखूपुरा के गुरदास गांव की रहने वाली 74 वर्षीय सकीना बी ने अपने भाई गुरमेल सिंह ग्रेवाल को खोजने के लिए अपना पूरा जीवन लगा दिया। बताया गया है कि साल 1961 में अपनी मां को एक पत्र लिखा था, जिसके बाद उन्होंने अपने भाई की खोज शुरू की।

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पाकिस्तानी यूट्यूबर ने निभाई बड़ी जिम्मेदारी

रिपोर्ट में कहा गया है कि भाई-बहन को मिलाने में पाकिस्तानी यूट्यूबर नासिर ढिल्लों ने अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने पिछले साल अपने पंजाबी लहर प्रोजेक्ट के माध्यम से विभाजन में अलग हुए लोगों को मिलाने के लिए वीडियो बनाया था। ढिल्लों ने सकीना द्वारा लंबे समय से खोए अपने भाई से मिलने की भावनात्मक अपील का एक वीडियो अपलोड किया था। ये वीडियो भारत में भी काफी वायरल हुआ। बताया गया है कि लुधियाना के जस्सोवाल सूदन गांव के सरपंच जगतार सिंह ने इस वीडियो को देखा। उन्होंने पुष्टि की कि गुरमेल सिंह उनके गांव में रहते थे। उन्होंने बताया कि कहानी विभाजन के समय की है, जब सकीना की मां करमते बी का लुधियाना के नूरपुर गांव से अपहरण कर लिया गया था, जबकि उनका बाकी परिवार पाकिस्तान पहुंच गया था।

पार्टिशन के दो साल बाद हुआ सकीना का जन्म

बाद में दोनों सरकारें लापता परिवारों का पता लगाने और उन्हें फिर से मिलाने पर सहमत हुईं। सकीना के मुताबिक, पुलिस उसकी मां को वापस लाने के लिए उनके पिता को भारत ले गई, लेकिन पता चला कि उन्होंने एक सिख से दोबारा शादी कर ली है। उन्होंने कहा कि जब वे उन्हें वापस ला रहे थे, तो मेरी मां ने कहा कि उसका बेटा गुरमेल (बदला हुआ नाम) खेलने के लिए बाहर गया था, लेकिन पुलिस एस्कॉर्ट ने उसे पीछे छोड़ दिया। दो साल बाद सकीना का जन्म हुआ। कुछ साल बाद पिता ने सकीना को यह कहानी बताई। उन्होंने अपने भाई की तस्वीर और वह पत्र सुरक्षित रखा जो उसने अपनी मां को भेजा था। वह गांव के किसी अन्य व्यक्ति द्वारा लिखा गया था। पंजाबी लहर तक पहुंचने के बाद, सकीना की कहानी रिकॉर्ड की गई और ऑनलाइन शेयर की गई।

भाई बहन का मिलने देख रो पड़ा हर कोई

जब मिलन का लम्हा आयो तो गुरमेल अवाक रह गए। सकीना ने अपने भाई को कसकर गले लगा लिया, उनकी आंखों से खुशी के आंसू बह रहे थे। गुरमेल ने उम्र की समझदारी दिखाते हुए अपनी बहन को याद दिलाया कि यह खुशी मनाने का मौका है। गुरमेल अपनी बहन के लिए गांव में बने खास बिस्कुट लेकर आए थे। बदले में सकीना ने गुरमेल को एक घड़ी और एक चांदी की राखी बांधी, जो भाई-बहन के शाश्वत बंधन का प्रतीक है। सकीना अपनी बेटियों, बेटों, दामादों और उनके बच्चों समेत 16 लोगों के साथ करतारपुर कॉरिडोर पहुंची थी। यूट्यूबर नासिर ने बताया कि हमने सकीना के परिवार के लिए 400 रुपये का कॉरिडोर शुल्क अदा किया। देश की खबरों के लिए यहां क्लिक करेंः-

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