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‘सजा मिलेगा या फिर’, कादियां में मस्जिद गिराए जाने पर भड़के प्रताप बाजवा, सीएम भगवंत मान से की ये मांग

पंजाब के गुरदासपुर जिले में एक मस्जिद गिराए जाने का मामला सामने आया है। नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने इसको लेकर भगवंत मान सरकार पर निशाना साधा है। बाजवा ने कहा कि आप सिर्फ अल्पसंख्यकों के लिए काम करने का दिखावा करती है, जबकि असलियत कुछ और ही है। बाजवा ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।

पंजाब के गुरदासपुर जिले के कादियां विधानसभा क्षेत्र में मस्जिद गिराए जाने का मामला गर्मा गया है। काहनूवान गांव में रमजान के दौरान मस्जिद गिराए जाने पर नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने सरकार को घेरा है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि कथित तौर पर आप समर्थित सरपंच के संरक्षण में मस्जिद को गिराया गया है, यह सीधे तौर पर धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला है। दिल्ली के पूर्व सीएम केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (AAP) ने बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के आदर्शों को कायम रखने का दिखावा किया है। यह भी पढ़ें:एक लड़की को चुनना मुश्किल…दोनों से की शादी, मिलिए तेलंगाना के ‘अरमान मलिक’ से उन्होंने सिर्फ और सिर्फ वोटों के लिए अल्पसंख्यकों का शोषण किया है, लेकिन उनकी हरकतें असली चेहरा उजागर करती हैं। बाजवा ने सवाल उठाया कि क्या भगवंत मान की सरकार ईद से ठीक पहले मुसलमानों को नमाज पढ़ने से वंचित करने वाले असली दोषियों को सजा देगी या फिर आम आदमी पार्टी अपनी धोखे की राजनीति जारी रखेगी? इससे पहले भी बाजवा पंजाब सरकार को घेर चुके हैं।

विधानसभा में क्यों नहीं आए सीएम?

विधानसभा में बजट सत्र के दौरान राज्यपाल ने अभिभाषण दिया था। इस दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान मौजूद नहीं थे। उनकी अनुपस्थिति पर विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने सवाल खड़े किए थे। पत्रकारों से बातचीत में बाजवा ने कहा था कि यह एक परिपाटी है। लोकसभा व राज्यसभा में प्रधानमंत्री और विधानसभा में मुख्यमंत्री राष्ट्रपति या राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई बहस को संपन्न करते हैं। सोमवार को यह काम सीएम के बजाय वित्तमंत्री हरपाल चीमा ने किया। सीएम शहर में थे, इसके बाद भी विधानसभा नहीं आए।

मारपीट मामले में मांगा था स्पष्टीकरण

बाजवा ने सरकार को घेरते हुए कहा कि आज बेरोजगार युवाओं से मारपीट की जा रही है। पटियाला में सेना के अधिकारी और उनके बेटे से पुलिस ने मारपीट की। कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाठ के साथ क्या हुआ, इस पर विधानसभा में स्पष्टीकरण दिए जाने की जरूरत है? किसानों को सरकार घर बुलाकर हिरासत में ले चुकी है। यह भी पढ़ें:कठुआ में फिर आतंकियों और सुरक्षाबलों में मुठभेड़ शुरू, 3 दिन में 2 आतंकी ढेर; 4 जवानों का बलिदान


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