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Punjab News: अरविंद केजरीवाल पर पंजाब कांग्रेस का बड़ा तंज, गैरपंजाबी को राज्यसभा भेजने की तैयारी

Punjab Politics News: आम आदमी पार्टी पर पंजाब के नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने फिर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि पंजाब से एक बार फिर गैर पंजाबी को राज्यसभा भेजे जाने की तैयारी हो रही है। विस्तार से उनके दावों के बारे में जानते हैं।

Punjab News: आम आदमी पार्टी (AAP) एक बार फिर पंजाब से किसी गैर पंजाबी को राज्यसभा भेजे जाने की तैयारी कर रही है। ये दावे कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने किए हैं। उन्होंने बुधवार को फिर आप पर निशाना साधा। लुधियाना पश्चिम विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए आम आदमी पार्टी (आप) की अगुवाई वाली पंजाब सरकार ने राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा को उम्मीदवार घोषित किया है। इसके बाद पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने बुधवार को आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह पंजाब से संसद के ऊपरी सदन में प्रवेश के लिए एक और गैर पंजाबी के लिए जमीन तैयार कर रही है। यह भी पढ़ें:BJP आरक्षणखोर और आरक्षण चोर… Bihar Cabinet Expansion पर क्या बोले तेजस्वी यादव? आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को पंजाब से राज्यसभा में भेजे जाने के लिए सीट खाली की जा रही है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी एक बार फिर पंजाबियों की पीठ में छुरा घोंपने जा रही है। इससे पहले आप ने गैर पंजाबी संदीप पाठक को पंजाब से राज्यसभा भेजा था। हालांकि वे पंजाब के मूल मुद्दों को सदन के सामने रखने में बुरी तरह विफल रहे। बाजवा ने कहा कि अक्टूबर 2023 में हरियाणा में एक पत्रकार से बात करते हुए संदीप पाठक एसवाईएल के पानी पर पंजाब के दावों का मजबूती से बचाव करने में असफल रहे।

पंजाब की आबकारी नीति की जांच हो

बाजवा ने कहा कि हम आप के गैर पंजाबी राज्यसभा सदस्यों से और क्या उम्मीद कर सकते हैं? कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के अनुसार इस कदम का एकमात्र उद्देश्य मुख्यमंत्री भगवंत मान को दरकिनार करना था। यह स्पष्ट है कि अरविंद केजरीवाल पंजाब के वास्तविक मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। बाजवा ने एक बयान में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) से पंजाब की आबकारी नीति की भी जांच करने का आग्रह किया, जो दिल्ली की शराब नीति की नकल है। उन्होंने कहा कि कैग की रिपोर्ट के अनुसार 2021-22 में आबकारी नीति तैयार करने और लागू करने में दिल्ली सरकार को 2002 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। पंजाब की आबकारी नीति में इसी तरह का मामला मिलने की आशंका है। इसलिए इसे उजागर करने की आवश्यकता है। यह भी पढ़ें:‘गोडसे पर गर्व…’, विवादित बयान देने वाली महिला प्रोफेसर बनीं NIT कालीकट की डीन, भड़की कांग्रेस ने की ये डिमांड


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