लखनऊः राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ओर से जारी ताजा रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था के तहत अपराधों में कमी आई है। रिपोर्ट के मुताबिक छह से 11 प्रतिशत की कमी अपराध में दर्ज की गई है। वहीं NCRB की रिपोर्ट के बाद प्रदेश के डिप्टी सीएम, पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और यूपी सरकार के अपर मुख्य सचिव (गृह) की ओर से खुशी जाहिर की गई है। स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में प्रदेश में एक भी दंगा नहीं हुआ। यूपी अब दंगा मुक्त प्रदेश है।
महिला और बाल अपराधों में आई भारी कमी
एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2021 में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों में कमी आई है। आंकड़ों के हिसाब से महिला अपराध में 6.2 प्रतिशत तो बाल अपराधों में 11.11 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। वर्ष 2019 में यूपी में बाल अपराधों के खिलाफ 18,943 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि वर्ष 2021 में घटकर यह संख्या 16,838 रह गई है। वहीं 2019 में यूपी में महिला अपराधों के खिलाफ 59,853 मामले दर्ज हुए थे। जबकि वर्ष 2021 में घटकर यह संख्या 56,083 हो गई है।
प्रदेश सरकार की अपराध के खिलाफ जीरो टॉलरेंस
वहीं NCRB की रिपोर्ट जारी होने के बाद उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (गृह विभाग) अवनीश कुमार अवस्था ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में जहां अपराध कम हुए हैं, वहीं आत्महत्या (फांसी) के मामलों में भी कमी आई है। महिलाओं के खिलाफ अपराधों में हमारे पास उच्चतम अभियोजन (मुकदमे दर्ज) स्तर है। साइबर अपराध और हथियारों के जब्तीकरण में भी सरकार की सख्ती का असर देखने को मिला है। प्रदेश में अपराध को लेकर जीरो टॉलरेंस के साथ काम किया जा रहा है।
पहले बम फटते थे, अब एक दंगा तक नहीं
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि एनसीआरबी के आंकड़े स्पष्ट रूप से बताते हैं कि यूपी में आईपीसी के तहत अपराधों में भारी गिरावट आई है। यूपी आईपीसी अपराधों में 23वें, कुल अपराधों में 10वें, संयुक्त अपराधों में 17वें, हत्याओं में 24वें, एसिड अटैक और फिरौती के लिए अपहरण में 23वें, बलात्कार में 23वें स्थान पर है। वहीं भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश अब दंगा मुक्त राज्य है। पूर्व की सरकारों में जहां बम फटते, लेकिन आज प्रदेश में एक भी दंगा नहीं है।