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TRP Manipulation Case : फर्जी टीआरपी केस वापस लेने को कोर्ट पहुंची मुंबई पुलिस; अगली सुनवाई 28 दिसंबर को

Mumbai Police Moves Court in TRP Manipulation Case : मुंबई में तीन साल से चल रहे टीआरपी घोटाले में दर्ज केस को वापस लेने के लिए पुलिस ने कोर्ट में याचिका लगाई है। अब इस मामले की अगली सुनवाई दिसंबर के अंत में होगी।

Edited By : Balraj Singh | Updated: Nov 29, 2023 00:02
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TRP Manipulation Case, मुंबई: मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने मंगलवार को एक स्थानीय अदालत में एक आवेदन दायर कर कथित फर्जी टीआरपी मामले को वापस लेने की मांग की, जिसमें वरिष्ठ टेलीविजन पत्रकार अर्नब गोस्वामी को आरोपी के रूप में नामित किया गया है। इसमें आरोप लगाया गया था कि कुछ टेलीविजन चैनल टीआरपी (टेलीविजन राशन प्वाइंट) नंबरों में हेराफेरी कर रहे थे।

अक्टूबर 2020 में सामने आया दर्ज की गई थी शिकायत

कथित घोटाला अक्टूबर 2020 में सामने आया, जब रेटिंग एजेंसी ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) ने हंसा रिसर्च ग्रुप के माध्यम से एक शिकायत दर्ज की। इसमें आरोप लगाया गया था कि कुछ टेलीविजन चैनल टीआरपी (टेलीविजन राशन प्वाइंट) नंबरों में हेराफेरी कर रहे थे। एक पूरक आरोप-पत्र में पुलिस ने मामले में गोस्वामी को एक आरोपी के रूप में नामित किया है। आरोप लगाया गया कि गोस्वामी ने सह-आरोपी, BARC के पूर्व सीईओ पार्थो दास गुप्ता के साथ मिलकर टीआरपी के साथ अवैध रूप से छेड़छाड़ की।

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CRPC की धारा 321 के तहत दायर हुई थी याचिका

दर्शकों की पसंद को अनुक्रमित करने के लिए यह तय करने का एक उपकरण है कि कौन से कार्यक्रम सबसे ज्यादा देखे जाते हैं। आरोप पत्र में गोस्वामी द्वारा दासगुप्ता के साथ अपने व्हाट्सऐप चैट को कथित तौर पर स्वीकार करने को मामले में दोषी ठहराने के लिए महत्वपूर्ण सबूत के रूप में शामिल किया गया है। मंगलवार को अभियोजन पक्ष ने मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष मामला वापस लेने के लिए एक आवेदन दायर किया। याचिका आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 321 के तहत दायर की गई थी, जो लोक अभियोजक या सहायक लोक अभियोजक को किसी भी व्यक्ति के अभियोजन से आम तौर पर या किसी एक या अधिक अपराधों के संबंध में मुकदमा चलाने से पीछे हटने में सक्षम बनाती है, जिसके लिए उस पर मुकदमा चलाया जा रहा है। अदालत इस याचिका पर 28 दिसंबर को सुनवाई करेगी।

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10 से अधिक लोग किए थे पुलिस ने गिरफ्तार

अपराध शाखा ने मामले के सिलसिले में रिपब्लिक टीवी के वितरण प्रमुख और दो अन्य चैनलों के मालिकों सहित 10 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था। आरोपी फिलहाल जमानत पर हैं। मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी कथित टीआरपी हेराफेरी घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत दर्ज की। हालांकि, ईडी ने पिछले साल सितंबर में दायर एक आरोपपत्र में दावा किया था कि कथित घोटाले में रिपब्लिक टीवी के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। संघीय एजेंसी ने आरोप-पत्र में कहा था कि इस संबंध में मुंबई पुलिस की जांच ईडी की जांच से अलग थी।

First published on: Nov 28, 2023 11:31 PM
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