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‘शिंदे-फडणवीस सरकार का डेथ वॉरंट जारी…’, संजय राउत का दावा- अगले 15-20 दिनों में गिर जाएगी महाराष्ट्र सरकार

Mumbai News: शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने रविवार को भविष्यवाणी करते हुए महाराष्ट्र में भाजपा और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की गठबंधन वाली सरकार अगले 15-20 दिनों में गिरने वाली है। उन्होंने कहा कि शिंदे सरकार का डेथ वॉरंट जारी हो चुका है। सिर्फ तारीख का ऐलान होना बाकी है। दरअसल, संजय राउत रविवार को […]

Sanjay Raut
Mumbai News: शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने रविवार को भविष्यवाणी करते हुए महाराष्ट्र में भाजपा और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की गठबंधन वाली सरकार अगले 15-20 दिनों में गिरने वाली है। उन्होंने कहा कि शिंदे सरकार का डेथ वॉरंट जारी हो चुका है। सिर्फ तारीख का ऐलान होना बाकी है। दरअसल, संजय राउत रविवार को प्रेस वार्ता कर रहे थे। उन्होंने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व के खिलाफ बगावत करने वाले 16 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने की मांग वाली याचिका पर लंबित सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बीजेपी-शिवसेना सरकार फरवरी में ही गिर जाती, लेकिन 'सेना बनाम सेना' मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट से फैसला नहीं आया। अब अगले 15-20 दिनों में यह फैसला हो जाएगा। बता दें कि संजय राउत का यह ऐसे समय आया है, जब एनसीपी नेता अजीत पवार के बीजेपी में जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं। हालांकि अजीत पवार ने अटकलों को खारिज कर दिया। हाल ही में 63 वर्षीय अजीत पवार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की और कहा कि जब तक मैं जीवित हूं, वह एनसीपी के लिए काम करेंगे।

2019 में बना था महाविकास अघाड़ी

एनसीपी महा विकास अघडी (एमवीए) का एक तिहाई हिस्सा है, जिसमें शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस त्रिपक्षीय गठबंधन में अन्य दो सहयोगी हैं। एमवीए का गठन नवंबर 2019 में हुआ था। शिवसेना और बीजेपी ने उस साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव लड़ा था। लेकिन शिवसेना ने गठबंधन तोड़ दिया था। इसके बाद एमवीए का गठन किया गया, और मुख्यमंत्री के रूप में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और अजीत पवार को उनके डिप्टी के रूप में कार्यप्रभार दिया गया।

पिछले साल गिर गई थी एमवीए सरकार

पिछले साल जून में महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई। 16 विधायकों ने उद्धव ठाकरे से बगावत कर दी। शिवसेना दो गुटों में विभाजित हो गई। इसके बाद एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस ने मिलकर सरकार बनाई। चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को 'असली' शिवसेना के रूप में मान्यता दी है। जबकि उद्धव गुट को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) कहा जाता है। यह भी पढ़ें: Same Gender Marriage: विरोध में उतरा बार काउंसिल ऑफ इंडिया, प्रस्ताव पारित कर कहा- अदालत से नहीं होगा फैसला


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