Trendingipl auctionPollutionparliament

---विज्ञापन---

आज भी हर सुबह 8 बजे प्रमोद जी के खून की स्मेल अपने हाथों पर महसूस करती हूं, बोलीं बेटी पूनम महाजन

Poonam Mahajan News: बीजेपी के दिग्गज नेता प्रमोद महाजन की उनके वर्ली स्थित आवास 'पूर्णा' में उनके भाई प्रवीण महाजन ने गोली मारकर हत्या कर दी। प्रमोद महाजन को सीने में तीन गोलियां लगी थीं। अस्पताल में 12 दिन रहने के बाद उनकी मृत्यु हो गई। भाई प्रमोद महाजन पर फायरिंग करने के बाद प्रवीण महाजन ने दावा किया था कि यह कैसे हुआ और किसने किया। यह लोग कभी नहीं जान पाएंगे।

पूनम महाजन ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपने पिता से जुड़े संस्मरण साझा किए हैं। फाइल फोटो
Poonam Mahajan on Pramod Mahajan: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व रक्षा मंत्री प्रमोद महाजन की बेटी पूनम महाजन ने अपने पिता से जुड़े कई राज एक इंटरव्यू में साझा किए हैं। इस इंटरव्यू में पूनम महाजन ने बताया कि गोली लगने के बाद अस्पताल ले जाते वक्त प्रमोद महाजन ने अपनी बेटी से क्या कहा था। और किस तरह आखिरी वक्त में भी वे बता रहे थे कि किस रास्ते से कौन से अस्पताल जाना है। 22 अप्रैल 2006 की घटना के बारे में पूनम महाजन ने बताया कि उस समय उनकी शादी हो चुकी थी और वर्ली वाले पूर्णा आवास को छोड़कर वह दो बिल्डिंग दूर ही रहती थीं। वो कहती हैं कि जब मेरे पिता मुंबई में रहते थे तो हम साथ में ही जिम और वर्जिश करते थे। और ज्यादातर समय वे मेरे घर आते थे। मेरी शादी होने के बाद तो वे ज्यादा ही मेरे घर आते थे। वजह ये थी कि उन्हें सालों साल समय नहीं मिला तो कुछ भी करके पूनम के साथ समय बिताना था। ये भी पढ़ेंः महाराष्ट्र में BJP ने 40 बागियों को निकाला, विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी का बड़ा एक्शन पूनम कहती हैं कि सवा सात से साढ़े सात बजे के बीच उन्होंने मुझे फोन किया था और कहा था कि बेटा मैं तो तैयार हूं। तुम भी तैयार हो जाओ। उन्होंने कहा कि हम थोड़े युवा थे तो नींद में ही थे। मैंने उन्हें कहा कि बाबा दस पन्द्रह मिनट और मेरी आंख नहीं खुल रही है। पूनम कहती हैं कि अगर मैं उन्हें दस पन्द्रह मिनट और रूकने को नहीं कहती तो मुझे लगता है कि आज वे जीवित होते। बीजेपी की पूर्व सांसद कहतीं कि मैं आज भी समझ नहीं पाती हूं कि इसे क्या कहूं। लेकिन जब मुझे फोन आया कि बाबा को गोली लगी है तो मुझे समझ नहीं आया कि मैं कैसे भागी, कैसे पहुंची, क्योंकि घर 15वें माले पर था। वो सोफे पर बैठे हुए थे। बहुत ही बुरा क्षण था। जिनकी गोद में मैं खेली... उनको गोद में उठाकर ले जाना पड़ा मुझे। ये भी पढ़ेंः Maharashtra Election में BJP ने कैसे बदले समीकरण? इन 9 सीटों पर मनाए बागी पूनम महाजन आगे बताती हैं कि उनके पिता इस शॉक में थे कि ऐसा क्या गुनाह कर दिया कि ये सब देखना पड़ा। उन्होंने कहा कि कोई डॉक्टर आ रहे थे। मेरी मां वही रो रही थी, पिता सोफे पर थे, सब भाग रहे थे, ये सारी चीजें आपको सुन्न करती हैं, पूनम कहती हैं कि मुझे याद है कि जब उन्हें लेकर हम लिफ्ट में जा रहे थे, उन्होंने मराठी में हमसे कहा कि मैंने ऐसा क्या कर दिया कि सब करके भी मैं ये देख रहा हूं तो मैंने उन्हें कहा कि नहीं बाबा ये हमारी जिंदगी की नई शुरुआत है। यही हमारा श्रीगेणश है। उन्होंने कहा कि घर से हॉस्पिटल और हॉस्पिटल के 12 दिन, जनता का समर्थन... पूनम कहती हैं कि मुझे अभी-अभी याद है कि उनको उठाने के बाद मेरे पूरे हाथ खून से भीगे हुए थे। और आज भी 18 साल बाद मैं हर सुबह खून की वह महक महसूस कर सकती हूं। ठीक उसी समय सुबह के 8 बजे तो जिंदगी के कुछ-कुछ क्षण होते हैं, जो कभी अलग नहीं हो पाते हैं। पूनम महाजन कहती हैं कि आज भी मैं किसी के घर जाऊं तो ऐसा कोई दिन नहीं होता है कि मुझे प्रमोद महाजन की कोई कहानी न सुनने को मिले। ये सभी नेताओं के नसीब में नहीं होता है। प्रमोद जी संगठन और लोगों के दिलों में आज भी जिंदा हैं।


Topics:

---विज्ञापन---