कहते हैं कि एक मां अपने बच्चे की रक्षा के लिए कुछ भी कर सकती है. लेकिन जब एक मां ही अपने बच्चे की जान की दुश्मन बन जाए, तो उस ममता को क्या नाम दिया जाएगा. महाराष्ट्र के नवी मुंबई में ऐसा ही कुछ हुआ, जहां एक मां ने अपनी 6 साल की मासूम को सिर्फ इसलिए मौत के घाट उतार दिया, क्योंकि वो मराठी में बात नहीं कर पाती थी. अपनी बेटी की हत्या के बाद उसने ये कहानी बनाई कि उस मासूम की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है, लेकिन पुलिस को उसकी बात पर यकीन नहीं हुआ. पुलिस ने आगे तफ्तीश की तो सारे राज खुल गए और कातिल मां को गिरफ्तार कर लिया गया.
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क्या है पूरा मामला?
नवी मुंबई के कलंबोली में एक आईटी इंजीनियर, उसकी पत्नी और 6 साल की बच्ची गुरुसंकल्प सोसाइटी में रहते थे. बचपन से ही उस बच्ची को बोलने में थोड़ी परेशानी होती थी, वो मराठी की बजाय ज्यादातर हिंदी बोलती थी. बेटी के मराठी ना बोलने से पहले अकसर महिला नाराज रहती थी. वो कई बार अपने पति से कह चुकी थी कि उसे ऐसी बच्ची नहीं चाहिए जो ठीक से नहीं बोल पाती. महिला के पति ने उसे कई बार समझाने की कोशिश की, लेकिन वो नहीं समझी. 23 दिसंबर की रात आरोपी महिला ने बच्ची को मारने का प्लान बनाया.
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23 दिसंबर की रात को क्या हुआ?
23 दिसंबर को बच्ची की नानी उससे मिलने आई थी, लेकिन वो मिल नहीं पाई. कुछ देर बाद बच्ची के पिता घर लौटे तो उन्होंने देखा कि वो बेसुध लेटी है, वो तुरंत उसे अस्पताल ले गए. शुरुआत में कातिल मां ने कहा कि उनकी बच्ची को दिल का दौरा पड़ा है, लेकिन पुलिस को ये बात कुछ हजम नहीं हो रही थी. पुलिस ने डॉक्टर से पोस्टमार्टम की विशेष मांग की. शुरुआती रिपोर्ट में ये पता चला कि सांस की नली दबने से बच्ची की मौत हुई है. जिसके बाद पुलिस ने दोनों माता-पिता से सख्ती से पूछताछ की. करीब 6 घंटे तक चली पूछताछ में कातिल मां ने सच उगलना शुरू कर दिया. जांच में ये भी पता चला कि महिला के दिमाग का भी इलाज जारी है. फिलहाल पुलिस आगे की तफ्तीश में जुटी है.
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