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नासिक में अवैध दरगाह तोड़ने पहुंची टीम पर पथराव, 16 पुलिस वाले घायल, 400 लोगों की भीड़ ने बरसाए पत्थर

महाराष्ट्र के नासिक में देर रात पथराव की घटना सामने आई है। यहां एक अवैध दरगाह तोड़ने पहुंची निगम की टीम पर लोगों ने पथराव कर दिया। इस दौरान 16 पुलिसवाले भी घायल हो गए।

Nashik illegal dargah demolition
महाराष्ट्र के नासिक से बड़ी खबर सामने आई है। यहां एक अवैध दरगाह तोड़ने पहुंची निगम की टीम पर स्थानीय लोगों ने पथराव कर दिया। इस दौरान भारी मात्रा में पुलिसबल मौजूद था। हालांकि बड़ी संख्या में पहुंची भीड़ ने पहले पुलिस पर पत्थर बरसाए। इस दौरान पुलिस को पीछे हटना पड़ा। हालांकि कुछ देर बाद पुलिस ने मोर्चा संभाला और पत्थरबाजों को पीछे धकेल दिया। घटना नासिक के काटे गली क्षेत्र की है। पत्थरबाजी में 16 पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस दौरान पांच वाहनों को भी नुकसान पहुंचा।

कोर्ट के आदेश पर हुई कार्रवाई

नासिक नगर निगम ने दरगाह हटाने को लेकर 15 दिन पहले नोटिस जारी किया था। नोटिस में कहा गया था कि 15 दिन के अंदर अतिक्रमण हटा लें नहीं तो नगर निगम कार्रवाई करेगा। इसके बाद मंगलवार को आधी रात में इलाके में जमकर बवाल हुआ। जब नगर निगम की टीम दरगाह हटाने पहुंची तो लोगों ने निगम की टीम और पुलिस पर पथराव किया। इस दौरान बिजली चली गई। जानकारी के अनुसार धार्मिक स्थल को अफवाह फैलाई गई इसके बाद लोग घरों से बाहर निकले और पथराव किया। रात के समय 500 पुलिसकर्मी तैनात थे। भीड़ द्वारा पथराव के बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागकर भीड़ को तितर-बितर कर दिया। बता दें कि पूरी कार्रवाई कोर्ट के आदेश के बाद हुई थी। कोर्ट के आदेश के बाद नगर निगम ने 1 अप्रैल को नोटिस जारी किया था। ये भी पढ़ेंः मुंबई को बम से उड़ाने की धमकी, पुलिस कंट्रोल रूम में फोन आते ही मचा हड़कंप

संजय राउत ने साधा निशाना

वहीं इस हिंसा को लेकर शिवसेना यूबीटी सांसद संजय राउत का बड़ा बयान सामने आया है। राउत ने कहा कि जिनके पास सत्त है वे अब भी हम लोगों से डरते हैं। आज उन लोगों ने दरगाह हटाओ अभियान चलाया जबकि आज हमारी बड़ी सभा है। हमारी ओर से लोगों का ध्यान अपनी ओर करने के लिए इन लोगों ने ऐसा किया है। यह कार्रवाई बाद में की जा सकती थी। राउत यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि ये लोग कायर है, हम लोगों से जल रहे हैं। इसलिए आज ये कार्रवाई की गई है। प्रदेश में दंगे कहां पर करवाए जाएं भाजपा इसी ताक में रहती हैं। ये भी पढ़ेंः महाराष्ट्र में डिनर पॉलिटिक्स, एकनाथ शिंदे-राज ठाकरे की मुलाकात के सियासी मायने क्या?


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