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नांदेड़ अस्पताल में मरीजों की मौतों के मामले में पहली FIR डीन के खिलाफ दर्ज, अब तक जा चुकीं 38 जानें

विनोद जगदाले, मुंबई Nanded Hospital Death Controversy: महाराष्ट्र के नांदेड़ में डॉ शंकराव चव्हाण सरकारी अस्पताल में हुई 38 मौतों का विवाद और ज्यादा गहरा गया है। मामले में अब अस्पताल के डीन डॉ एसआर वाकोडे के खिलाफ FIR दर्ज हुई। 21 वर्षीय गर्भवती महिला और उसके बच्चे की मौत मामले में बुधवार को यह […]

Nanded Hospital Dean SR Wakode
विनोद जगदाले, मुंबई Nanded Hospital Death Controversy: महाराष्ट्र के नांदेड़ में डॉ शंकराव चव्हाण सरकारी अस्पताल में हुई 38 मौतों का विवाद और ज्यादा गहरा गया है। मामले में अब अस्पताल के डीन डॉ एसआर वाकोडे के खिलाफ FIR दर्ज हुई। 21 वर्षीय गर्भवती महिला और उसके बच्चे की मौत मामले में बुधवार को यह केस दर्ज हुआ है। आरोप हैं कि दवाइयां लाकर देने के बाद भी इलाज नहीं किया गया। अस्पताल में न डॉक्टर थे और न ही नर्स थी। डीन और डॉक्टरों की लापरवाही के कारण महिला और बच्चे की जान चली गई। बता दें कि अस्पताल में मौतों का आंकड़ा बढ़कर 38 हो गया है। यह भी पढ़ें: इंगलैंड में महिला ने प्रेमी के साथ मिलकर डेढ़ साल के बेटे को मारा; शरीर में मिली कोकीन, करीब 70 चोटें

दवाइयां और ब्लड बैग बाहर से लाकर दिया

नांदेड़ ग्रामीण पुलिस को दी शिकायत में मृतका के पिता ने बताया कि उनकी 21 वर्षीय बेटी अंजलि वाघमारे को 30 सितंबर अस्पताी में प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था। दूसरे दिन उसकी नॉर्मल डिलीवरी हुई। बेटी हुई थरी, लेकिन डॉक्टर ने बच्ची की हालत गंभीर बताते हुए ब्लड बैग और कुछ अन्य दवाएइयां मंगवाईं। इस पर 45 हजार का खर्च आया। सारी दवाइयां लाकर देने के बाद भी इलाज नहीं किया गया, क्योंकि अस्पताल में न कोई डॉक्टर था और न ही कोई नर्स थी। यह भी पढ़ें: Chemistry के पहले एग्जाम में फेल हुआ था…Moungi Bawendi ने सुनाई Nobel विनर बनने की कहानी

डीन ने बात सुनने की बजाय डपटकर भगाया

शिकायतकर्ता पिता ने बताया कि उन्होंने डॉक्टरों द्वारा लापरवाही बरते जाने की शिकायत असपताल के डीन डॉ. श्याम वाकोडे से की, लेकिन उन्होंने कोई एक्शन नहीं लिया। कोई जवाब भी नहीं दिया और उसे भगा दिया। इसके बाद उसी दिन शाम को बच्ची की मौत हो गई। अंजलि की भी उचित इलाज के अभाव में कल 4 अक्टूबर को मौत हो गई। इन दोनों मौतों के लिए डॉ. श्याम वाकोडे और उनके सहयोगी जिम्मेदार थे, इसलिए ग्रामीण पुलिस को शिकायत देकर धारा 304 के तहत मामला दर्ज कराया है।


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