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नागपुर हिंसा के तीसरे दिन पुलिस का कॉम्बिंग ऑपरेशन, संदिग्धों की धरपकड़ जारी; उपद्रवियों को किसने बचाया?

नागपुर हिंसा मामले में महाराष्ट्र पुलिस लगातार एक्शन ले रही है। हिंसा के 3 दिन बाद भी पुलिस संदिग्धों की पहचान में लगी है। मामले में पुलिस का कहना है कि वह किसी प्रकार की ढिलाई नहीं बरतेगी। बता दें कि नागपुर में अफवाह फैलने के बाद भड़की हिंसा में कई लोग घायल हुए थे।

महाराष्ट्र के नागपुर में सोमवार को हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने तीसरे दिन संदिग्धों की धरपकड़ के लिए कॉम्बिंग ऑपरेशन शुरू किया है। अफवाह के बाद उपद्रव भड़का था, जिसके बाद महल इलाके में चिटनिस पार्क के पास हिंसा हुई थी। ओल्ड हिसलोप कॉलेज इलाके के कुछ निवासियों ने बताया था कि सोमवार शाम करीब साढ़े 7 बजे भीड़ ने हमला बोला था। इस दौरान कारों में आग लगा दी गई, घरों के बाहर रखे सामान को तोड़ दिया गया। नागपुर जोन-2 के डीसीपी राहुल मदने के अनुसार पुलिस संदिग्धों की धरपकड़ कर रही है। पुलिस जांच में सामने आया है कि चिटनिस पार्क के पास भालदारपुरा के एक घर में उपद्रव के बाद 100 से उपद्रवी घुसे थे। यह भी पढ़ें:48 सेकंड में लूट लिए 80 लाख; पुलिस ने बदमाश किए गिरफ्तार, हुआ चौंकाने वाला खुलासा उस घर के मालिक ने उपद्रवियों को बचाया था। आरोपी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। मालिक के खिलाफ हिंसा करने वालों को संरक्षण देने के आरोपों के तहत FIR दर्ज की गई है। सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने उसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी है, लेकिन आरोपी ने खुद को निर्दोष बताया है। आरोपी का कहना है कि उसके घर में इतने लोग नहीं थे। वह किसी को नहीं जानता है।

औरंगजेब को लेकर अंबेकर ने उठाए सवाल

हिंसा मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख और वरिष्ठ पदाधिकारी सुनील अंबेकर का बयान भी सामने आया है। उन्होंने मुगल बादशाह औरंगजेब के नाम पर हुई हिंसा पर गहरी चिंता व्यक्त की है। अंबेकर ने कहा कि आज के दौर में औरंगजेब की प्रासंगिकता ही नहीं है, फिर भी लोग उसके नाम और कब्र को लेकर विवाद कर रहे हैं। यह समझ से बाहर है। बता दें कि कब्र विवाद को लेकर भड़की हिंसा में 30 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। हिंसा में सबसे अधिक चोटें पुलिसकर्मियों को लगी थीं। फिलहाल नागपुर के 11 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा हुआ है।

फिल्म छावा के बाद बढ़ा विवाद

फिल्म छावा के बाद से विवाद गहराया हुआ है। इस फिल्म में मराठा छत्रपति संभाजी महाराज की औरंगजेब द्वारा हत्या को दिखाया गया है। फिल्म के रिलीज होने के बाद से कई हिंदू संगठन महाराष्ट्र से औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग कर रहे हैं। बीते सोमवार को बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (VHP) के कार्यकर्ताओं ने इसको लेकर प्रदर्शन किया था। इस दौरान अफवाह फैल गई कि औरंगजेब का पुतला जलाया गया है। इसके बाद महल और हंसपुरी इलाके में बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ और आगजनी हुई थी। यह भी पढ़ें:जमीन बेचे जाने के बाद ही रेलवे की नौकरी कैसे मिली? ED ने लालू प्रसाद यादव से पूछे ये 12 सवाल


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