Why Manoj Jarange Ends Hunger Strike: आख़िरकार महाराष्ट्र सरकार मनोज जरांगे का अनशन खत्म कराने में कामयाब हो गई। हालांकि जरांगे को समझाना आसान नहीं था, क्योंकि वह इस बार आर-पार की लड़ाई के मूड में थे, लेकिन उन्होंने यह कर दिखाया। अनशन खत्म कराने वाली त्रिमूर्ति में मारोतराव गायकवाड़ रिटायर्ड जज, सुनील शुक्रे रिटायर्ड जज, प्रहार पार्टी के विधायक और पूर्व राज्य मंत्री बच्चू कडु शामिल रहे। सर्व दलीय बैठक के बाद ज़रांगे ने पानी छोड़ दिया और उनके सभी प्रस्ताव सिरे से नकार दिये। लग रहा था कि आंदोलन की आग और भड़क उठेगी, तभी प्रहार पार्टी के विधायक बच्चू कडु अंतरावली सराटी पहुंचे। उन्होंने जरांगे और CM के बीच पुल का काम किया और सरकार के प्रतिनिधि मंडल से बात करने की हामी जरांगे ने भरी।
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24 दिसंबर तक के लिए खत्म किया अनशन
2 अक्तूबर को मारोतराव गायकवाड़, सुनील शुक्रे, विधायक कडु अंतरावली सराटी पहुंचे। जरांगे से 2 घंटे की बातचीत हुई, जिसमे जरांगे ने कई तीखे सवाल दोनों जज़ो से पूछे, लेकिन जज़ो के प्रयास सफल हुए और मराठा आरक्षण को लेकर लिखित आश्वासन देने की बात हुई। बाद में राज्य के 4 कैबिनेट मंत्री उदय सामंत, संदीपान भूमरे, धनंजय मुंडे और अतुल सावे मंच पर पहुंचे। फिर एक घंटा बातचीत हुई और चारों मंत्रियों ने 2 जनवरी का समय मांगा, लेकिन जरांगे ने इसे सिरे से नकार दिया। उन्होंने अपना अनशन से 24 दिसंबर 2023 तक पीछे लेने की घोषणा कर डाली और जूस पीकर अनशन ख़त्म कर दिया।
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1. अब तक कास्ट सर्टिफिकेट सिर्फ मराठवाड़ा क्षेत्र में दिया जा रहा था, जिसको हमने अस्वीकार किया है और यह मांग की है कि पूरे राज्य में कास्ट सर्टिफिकेट दिए जाने का काम शुरू कीजिए। इसके लिए डेलीगेशन तैयार है।
2. हमारी मांग है कि हाल ही में कैबिनेट मीटिंग में पारित सरकार की अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर जिन 11300 मराठों को उनके पुराने दस्तावेजों के बूते कुनबी कास्ट सर्टिफिकेट दिया जा रहा है, उनके ब्लड रिलेशन वालों को भी वेरिफिकेशन के बाद कुनबी सर्टिफिकेट दिया जाए। डेलीगेशन ने इस मांग को भी स्वीकार कर लिया है। इसके लिए जल्द ही जाति पड़ताल समिति को निर्देश दिए जायेंगे और रिश्तेदारों के वेरिफिकेशन के बाद उन्हें आरक्षण का सर्टिफिकेट दिया जाएगा।
3. बाकी बचे मराठों के लिए सुप्रीम कोर्ट में चल रही कार्रवाई पर डेलीगेशन ने जानकारी दी कि राज्य में कितने मराठा पिछड़े वर्ग से हैं, यह जानकारी कोर्ट को देने के लिए सरकार की ओर से रिपोर्ट तैयार करने का काम जारी है। अगले 1-2 महीने में रिपोर्ट तैयार हो जायेगी। इस क्यूरेटिव पिटीशन में पिछली गलतियों को भी सुधारने पर जोर दिया जा रहा है। पूरी तैयारी के बाद सुप्रीम कोर्ट से सभी मराठों को आरक्षण मिल सकता है।
4. हमारी मांग है कि इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए एक से ज्यादा एजेंसियों को काम पर लगाया जाए। पर्याप्त सुविधाओं के साथ मनुष्यबल मुहैया करवाया जाए, ताकि सर्वे का काम जल्द से जल्द पूरा हो। डेलीगेशन ने इस मांग पर भी सकारात्मकता रवैया दिखाया।
5. मराठा आरक्षण के लिए सरकार एक नये आयोग का गठन करेगी। सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन की सुनवाई के लिए रिटायर्ड जजों की खास समिति पहले ही बनाई हुई है। जरांगे पाटिल की बाकी मांगों और सुझावों की भी लिस्ट तैयार की गई।
यह भी पढ़ें: मां की देखरेख में था बच्चा, पिता जबरन ले आया, किडनैपिंग का मामला दर्ज होगा या नहीं? पढ़ें HC का फैसलामनोज जरांगे ने अनशन पीछे लेने की कुछ वजह यह भी हैं...
1) दिवाली के समय लोगों को तकलीफ़ न हो। क्योंकि दिवाली के वक़्त आंदोलन बड़ा हो जाता तो महाराष्ट्र और देश में मराठा समाज के प्रति नकारात्मक छवि बन जाती, जो वे नहीं बनाना चाहते।
2) पिछले 14 दिन में आरक्षण की मांग को लेकर 28 आत्महत्याओं से मनोज जरांगे दुखी थे। आंदोलन और लंबा चलता तो समाज का सब्र का बांध टूट जाता और आरक्षण को लेकर आत्महत्या करने वालों की संख्या और बढ़ जाती।
3) मनोज जरांगे को पता था कि टिकने वाले आरक्षण के लिए सरकार को आखिरी बार वक़्त देना ज़रूरी है। इस वक़्त के बीच ज़रांगे महाराष्ट्र का दौरा करके गांव, तहसील और ज़िले में जाकर मराठा समाज को एकजुट करेंगे।
बहरहाल, मनोज जरांगे का अनशन ख़त्म होने से महाराष्ट्र की सरकार ने राहत की सांस ली है, लेकिन अब सरकार के पास 51 दिन का समय बाक़ी है। अगर इस कार्यकाल के दौरान उन्होंने मराठा समाज के सामने सरकार को दिया हुआ आश्वासन पूरा नहीं कर पाते तो मनोज जरांगे पाटिल लाखों मराठों के साथ मुंबई की सीमा पर दस्तक देकर मुंबई की नाक दबायेंगे।