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‘आरक्षण ही मेरा इलाज…’, अनशन पर डटे जरांगे का बयान, राजनीतिक दलों को दी चेतावनी

Manoj Jarange on Maratha Reservation : मराठा आरक्षण की मांग को दूसरे दौर के अनशन पर बैठे हुए हैं। अनशन के तीसरे दिन 2 डॉक्टर की टीम जरांगे से मिलने उनके मंच पर पहुंची, लेकिन जरांगे ने डॉक्टर से कहा कि आरक्षण ही मेरा इलाज है।

Manoj Jarange on Maratha Reservation :  मराठा आरक्षण की मांग को लेकर जालना के आंतरवाली सराटी गांव में दूसरे दौर का अनशन करने बैठे मनोज जरांगे पाटिल ने अब डॉक्टरी इलाज से भी मना कर दिया है। अनशन के तीसरे दिन 2 डॉक्टर की टीम जरांगे से मिलने उनके मंच पर पहुंची, लेकिन जरांगे ने डॉक्टर से कहा कि आरक्षण ही मेरा इलाज है। डॉक्टर ने फिर से जरांगे का ब्लड प्रेशर चेक करने की कोशिश की तो जरांगे गुस्सा हो गए और कहने लगे कि आपकी सरकार मराठा समाज की जान लेने पर तुली है, फिर यहां सेहत चेक करने की क्या जरूरत  है। यह भी पढ़ें-नारायणमूर्ति के ’70 घंटे वर्क आवर’ वाले बयान पर कॉमेडियन वीर दास का तंज सोशल मीडिया पर वायरल

सांसद की गाड़ी पर नांदेड में हुए हमले पर जरांगे

गुरुवार को नांदेड में भाजपा सांसद प्रताप चिखलीकर एक गांव में पहुंचे थे, वहां गांव की नाकाबंदी की गई थी लेकिन सांसद की गाड़ी गांव में जाते ही गुस्साई भीड़ ने सांसद के काफिले को टारगेट किया। जरांगे ने इस हमले का समर्थन नहीं किया, लेकिन उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि क्या वह(सांसद) राष्ट्रपति हैं ? वह हमारे गांव में क्या करने आए थे, उनको घर पर सोना चाहिए था। जरांगे ने कहा कि भाजपा सांसद ने दिमाग पर क्यूं जोर दिया, जब हमने पहले ही कहा था कि वह हमारे गांव में ना आएं। उन्होंने सांसद से पूछा कि क्या सरकार ने आपको कानून व्यवस्था खराब करने की सुपारी दी है। जरांगे ने कहा कि तुम्हारी जगह विधानसभा में है तो वहां जाकर आरक्षण लेकर आइए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि हमारे गांव में मत आओ। आप, हमारे जख्म पर नमक छिड़कने का काम कर रहे हो। प्रकाश अंबेडकर ने किया मनोज जरांगे का समर्थन मराठा आरक्षण पर मनोज जरांगे को वंचित बहुजन अघाड़ी के नेता प्रकाश अंबेडकर का साथ मिला है। उन्होंने, मनोज जरांगे को फोन कर उनकी सेहत का हालचाल तो पूछा ही, साथ ही तबियत संभालने की विनती भी की। अंबेडकर ने जरांगे की आरक्षण की मांग को जायज ठहराया और इस आंदोलन में कंधे से कंधा मिलाकर चलने का आश्वासन दिया। जाहिर है महाराष्ट्र में प्रकाश अंबेडकर की खुद में प्रभावशाली हैं। डॉ बाबसाहब अंबेडकर के पोते होने के कारण समाज के मन में उनके प्रति आस्था भी हैं, अनुमान है कि उनका समर्थन मिलने से मनोज जरांगे के आंदोलन को और मजबूती मिलेगी।


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