Maharashtra Politics : महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर खींचतान जारी है। महाविकास अघाड़ी (MVA) के सहयोगी दल ने गठबंधन से निकलने का ऐलान कर दिया। शिवसेना (UBT) के चीफ उद्धव ठाकरे के करीबी सहयोगी की ओर से बाबरी मस्जिद विध्वंस और एक समाचार पत्र में छपे उससे संबंधित विज्ञापन की तारीफ करने के बाद समाजवादी पार्टी ने एमवीएम को छोड़ने का फैसला लिया। महाराष्ट्र में सपा के सिर्फ दो ही विधायक हैं।
महाराष्ट्र सपा अध्यक्ष अबू आजमी ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वे (शिवसेना UBT) कह रहे थे कि अब धर्मनिरपेक्ष हो गए हैं, क्योंकि कांग्रेस, शरद पवार की एनसीपी और समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में थे। हारने के बाद वे वही बात कर रहे हैं, जो पहले करते थे। अगर ऐसा हुआ तो महाविकास अघाड़ी चल नहीं पाएगा।
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उन्होंने कहा कि आज तक किसी मुसलमान ने हिंदू को नहीं मारा। किसी मुस्लिम ने यह मुद्दा नहीं उठाया कि मंदिर के नीचे मस्जिद है। किसी मुस्लिम ने मंदिर के सामने बाजा बजाकर डिस्टर्ब नहीं किया। मुसलमान मंदिर के सामने जाकर ठंडा पानी पिलाना चाहते हैं। जो बंग्लादेश में हो रहा है, यहां तो उससे ज्यादा हो रहा है। उन्होंने शपथ ग्रहण की, लेकिन ईवीएम तो हटना ही चाहिए।
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अबू आजमी ने आगे कहा कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना के सहयोगी ने 'एक समाचार पत्र में बाबरी मस्जिद ध्वस्त करने वालों को बधाई देने वाले विज्ञापन की तारीफ की। ऐसे में सपा महाविकास अघाड़ी (MVA) छोड़ रही है। इस संबंध में वे समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर महागठबंधन में ऐसी भाषा बोली जाती है तो उनमें और बीजेपी के बीच क्या अंतर है? वे उनके साथ क्यों रहें।