Maharashtra BMC elections Big decision: महाराष्ट्र में होने वाले बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) चुनाव को लेकर हुए अहम समझौते से मुंबई के राजनीतिक परिदृश्य में बड़ा बदलाव आ सकता है. बीएमसी की 227 सीटों पर होने वाले चुनाव को सीट बंटवारे और संयुक्त चुनाव प्रचार के मुद्दे पर भाजपा और शिवसेना की अहम बैठक का आयोजन हुआ. बैठक में दोनों मुख्य पार्टियों में 227 में से 150 सीटों पर सहमति बन गई. बचे हुए 77 सीटों पर अगले दो दिन में चर्चा कर फैसला लिया जाएगा.इसके अलावा बैठक में बीएमसी चुनाव की तैयारी, चुनाव प्रचार, चुनाव प्रबंधन, चुनावी मुद्दे, फडणवीस-शिंदे की संयुक्त जनसभाएं आयोजित करने सहित अन्य प्रमुख मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई.
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भाजपा और शिवसेना में क्या था विवाद?
बीएमसी चुनाव को लेकर हुई अहम बैठक से पहले भाजपा और शिवसेना में सीट शेयरिंग में विवाद इसलिए था, क्योंकि शिवसेना उद्धव ठाकरे के गुट के कई पार्षदों ने चुनाव में टिकट के लालच से और एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना ज्वाइन कर दी थी, 2022 से अब तक ऐसे करीब 62 पूर्व पार्षद हैं. 2017 में हुए BMC चुनाव में भाजपा और शिवसेना में मुख्य मुकाबला था. कुल 227 में से 44 सीटों पर कांटे की टक्कर थी, जहां जीत-हार का अंतर बेहद कम वोटों का था, इसलिए इन 44 सीटों के नंबर दो पर रहे उम्मीदवार भी इस बार टिकट की दावेदारी पेश कर रहे हैं. वहीं, भाजपा अब खुद को 2017 के मुकाबले ज्यादा ताकतवर मान रही, शिवसेना भी खुद को कम आंकने के मूड में नहीं है.
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गठबंधन में कितनी सीट चाहती हैं भाजपा
बीएमसी चुनाव के लिए महायुति के दोनों प्रमुख दल आपस में चुनाव लड़ना नहीं चाहते. गठबंधन के तौर पर चुनाव लड़ने के मकसद से शिवसेना शिंदे और भाजपा की मीटिंग बुलाई गई थी. बीएमसी की 227 सीटों में से भाजपा 110 से 114 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारना चाहती है, वहीं मुस्लिम बहुल वॉर्ड पर अजित पवार की एनसीपी भी ढील छोड़ने के मूड में नहीं है. शरद पवार वाली एनसीपी भी नवाब मलिक के नेतृत्व में बीएमसी चुनाव के लिए कमर कस चुकी है और 25-30 सीटों पर किस्मत आजमा सकती है.
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