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चुनाव से पहले महाराष्ट्र में शिवसेना बनाम शिवसेना, पहली बार ‘धनुष-बाण’ Vs ‘मशाल’ होंगे आमने-सामने

Maharashtra Election : महाराष्ट्र में जल्द विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसे लेकर राजनीतिक दलों ने अपनी कमर कस ली है। दशहरा के मौके पर पहली बार शिवसेना बनाम शिवसेना की ताकत देखने को मिलेगी। 'धनुष-बाण' Vs 'मशाल' आमने-सामने होंगे।

Uddhav Thackeray-Eknath Shinde (File Photo)
Maharashtra Assembly Election 2024 : हरियाणा और जम्मू कश्मीर के बाद अब महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत तेज हो गई है। चुनाव से पहले शिवसेना बनाम शिवसेना के बीच जोर आजमाइश देखने को मिलेगी। उद्धव गुट की सेना और शिंदे गुट की सेना राज्य में अलग-अलग दशहरा रैलियां निकालेंगी, जिसका उद्देश्य विधानसभा चुनावों से ठीक पहले अपनी ताकत दिखाना है। शिवसेना (UBT) की रैली शिवाजी पार्क में होगी, जबकि एकनाथ शिंदे गुट की रैली आजाद मैदान में होगी। उद्धव ठाकरे पहली बार 'धनुष-बाण' से नहीं 'मशाल' से ताकत दिखाएंगे। इसे लेकर शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने कहा कि यह 50 से अधिक सालों से एक परंपरा रही है। सिर्फ 2 दशहरा रैलियां प्रसिद्ध हैं- पहला शिवसेना की दशहरा रैली जो बालासाहेब ठाकरे द्वारा शुरू की गई थी और दूसरी नागपुर में आरएसएस की दशहरा रैली। अब महाराष्ट्र में मोदी और शाह की सेना भी शिवसेना के नाम पर दशहरा रैली का आयोजन कर रही है। कई अन्य संगठन भी रैलियां करते हैं, लेकिन शिवाजी पार्क में आयोजित रैली का महत्व हमेशा देश और राज्य में अधिक रहा है। यह भी पढ़ें : हरियाणा की तर्ज पर अब महाराष्ट्र में भी NDA का बड़ा दांव, दौड़े चले आएंगे एससी-ओबीसी वोटर! मशाल आग तो लगाती है, लेकिन रोशनी भी देती है : राउत राउत ने कहा कि बालासाहेब ठाकरे के बाद उद्धव ठाकरे पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं और वे दशहरा रैली को संबोधित करेंगे। धनुष-बाण हमेशा से उनका प्रतीक रहा है, लेकिन मोदी-शाह ने चोरी करके इसे बेईमान और नकली लोगों को दे दिया। इससे कुछ नहीं बदला। धनुष-बाण हमेशा शिवसैनिकों के दिलों में रहेंगे, लेकिन अब उनका प्रतीक मशाल है। यह मशाल आग तो लगाती है, लेकिन रोशनी भी देती है। एक-दो महीने में कहीं नहीं दिखेगी नकली शिवसेना : आनंद दुबे शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को 'डुप्लीकेट' करार दिया और कहा कि उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के सम्मान के लिए काम किया है, जबकि अन्य लोगों ने पीठ में छुरा घोंपा और दिल्ली के सेवक बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि मुंबई में दो रैलियां हो रही हैं- एक असली शिवसेना की और दूसरी नकली शिवसेना की। उद्धव बालासाहेब ठाकरे की तुलना किसी दूसरे शिवसैनिक या नकली शिवसैनिक से नहीं की जा सकती है। एक-दो महीने में नकली शिवसेना कहीं नहीं दिखेगी। सिर्फ एक शिवसेना रह जाएगी। यह भी पढ़ें : ‘हमारे हिस्से की 10 प्रतिशत सीटें माइनोरिटी को…’, अजित पवार के बयान के क्या है सियासी मायने उद्धव ने हिंदुत्व को दरकिनार कर दिया : निरुपम शिवसेना (शिंदे गुट ) के नेता संजय निरुपम ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के बाद उन्होंने हिंदुत्व को दरकिनार कर दिया है। शिवसेना की रैली का एक ऐतिहासिक संदर्भ है। जब बालासाहेब दशहरा रैली को संबोधित करते थे तो वे शिवसैनिकों को हिंदुत्व पर अपने विचार देते थे। सही मायनों में बालासाहेब ठाकरे के विचार आजाद मैदान में व्यक्त किए जाएंगे, जिसे एकनाथ शिंदे संबोधित करेंगे।


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