Kuwait To Mumbai Boat Enquiry Latest Update (इंद्रजीत सिंह, मुंबई): इंटरनेशनल वाटर बाउंड्री पार करके कुवैत से मुंबई पहुंची संदिग्ध बोट के GPS रूट की जांच शुरू कर दी गई है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि GPS ट्रैकिंग के बावजूद इंटरनेशनल वाटर बाउंड्री को पार करके बोट कुवैत से मुंबई कैसे पहुंच गई? मुंबई पुलिस ने जांच तेज कर दी है। जांच में IB, नौसेना, कोस्टगार्ड, इमिग्रेशन एजेंसियां भी पुलिस का सहयोग कर रही हैं।
बोट में सवार मिले तीनों मछुआरों को कोर्ट ने 10 फ़रवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। तीनों बोट में सवार होकर कुवैत से मुंबई पहुंचे थे, जिन्हें पुलिस ने अवैध तरीके से भारत में घुसने के आरोप में पकड़ा है। तीनों को नाव समेत गेटवे ऑफ इंडिया पर रोका गया था। मुंबई पुलिस ने तीनों को धारा 3(A)6(a) के तहत गिरफ्तार किया।
रास्ते में नौसेना और एजेंसियों की नजर क्यों नहीं पड़ी?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अब तक जुटाई गई जानकारी के मुताबिक, तीनों मछुआरे तमिलनाडु के कन्याकुमारी के रहने वाले हैं। तीनों 2 साल पहले एजेंट कैप्टन मदन के जरिए कुवैत गए थे। वहां उनको फिशिंग बोट के जरिए मछली पकड़ने का काम मिला था, लेकिन तीनों बिना पासपोर्ट, वीजा और अन्य कागजों के कुवैत से भारत आए हैं और अवैध तरीके से मुंबई में घुसे हैं।
ऐसे में जांच एजेंसियों की सबसे बड़ी चिंता यह पता लगाना है कि क्या इन 3 मछुआरों के साथ और लोग भी आए हैं? इनका GPS रूट क्या था? GPS रूट को वेरिफाई भी किया जा रहा है। पुलिस इसलिए भी हैरान है कि GPS ट्रैकिंग होते हुए भी यह लोग इंटरनेशनल वाटर बाउंड्री पार कैसे किए? क्या रास्ते में एजेंसियों की नजर बोट पर नहीं पड़ी? कहीं बोट में सवार होकर आए मछुआरों ने कुवैत में कोई अपराध तो नहीं किया है?
पुलिस पूछताछ में मछुआरों ने यह खुलासे किए
पुलिस की पूछताछ में अब तक जो खुलासा हुआ है, उसके मुताबिक तीनों मछुआरों ने कुवैत से चलने से पहले 6 हजार लीटर डीजल लिया था। ट्रैकिंग से बचने के लिए बीच-बीच में तीनों GPS बंद कर देते थे। पुलिस को बोट से कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है। न ही तीनों मछुआरों से तलाशी में कोई संदिग्ध चीज मिली है।
पूछताछ में तीनों ने बताया कि वे पिछले 2 साल से कुवैत में अब्दुला शरीफ की नाव अब्दुला शरीफ-1 पर कुवैत में मछुआरे के रूप में काम कर रहे थे, लेकिन 2 साल में नाव के मालिक ने काम का पैसा नहीं दिया। उल्टा वह उन्हें मारता पीटता था। मछुआरों ने जब मालिक से अपना भारतीय पासपोर्ट मांगा तो उसने पासपोर्ट देने से इनकार कर दिया और नौकरी छोड़कर भाग जाने पर जान से मारने की धमकी दी।
मछुआरों के अनुसार, धमकी मिलने के बाद तीनों ने मिलकर भागने का प्लान बनाया। तीनों 28 जनवरी को नाव लेकर भारत आने के लिए समुद्र के रास्ते पर निकल गए। 8 दिन बाद मुंबई किनारे पहुंचे तो मुंबई पुलिस की पेट्रोलिंग बोट चैत्राली पर सवार पुलिस कर्मियों की नजर उन पर पड़ी और उन्होंने रोक कर पूछताछ की तो नाव कुवैत की होने का पता चला।
पुलिस ने मछुआरों को पासपोर्ट एक्ट के तहत बिना पासपोर्ट देश में अवैध रूप से घुसने के मामले में गिरफ्तार किया। तीनों के नाम नित्सो डिट्टो, शिशु विजय विनय एंथोनी और जे. सहयंता अनीश है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि कुवैत से बोट जब भारत की समुद्री सीमा में पहुंची तो नौसेना और कोस्ट गार्ड की नजर इस पर क्यों नही पड़ी?