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न गाड़ी का इंश्योरेंस न रजिस्ट्रेशन, परिवहन विभाग खुद ही इस्तेमाल कर रहा अवैध वाहन

Aurangabad News: सड़क पर वाहनों की जांच करते हैं, कागजातों में कमी होने और परिवहन नियमों का उल्लंघन पर जुर्माना भी लगाता है। हद यह कि इतना सब करने के बावजूद इनका अपने ही वाहन पर ध्यान नहीं है।

Aurangabad News: औरंगाबाद का परिवहन महकमा बड़े कमाल का है, यह महकमा लोगों के वाहनों के रजिस्ट्रेशन, इंश्योरेंस, पॉल्यूशन, फिटनेस, रोड टैक्स आदि कागजातों की जांच करता है। इसके साथ ही कागजातों में कमी रहने पर जुर्माना भी लगाता है, पर इस विभाग के अपने ही एक वाहन का सब कुछ फेल है। अब बिल्ली के गले में घंटी बांधे कौन यानी इन पर कौन जुर्माना लगाए? मतलब जब गाड़ी का मालिक परिवहन विभाग ही है, तो बात "जब सैयां भये कोतवाल तो अब डर काहे का"। यही वजह है कि परिवहन विभाग की इस गाड़ी पर विभाग के कारिंदें सवार होकर एनएच, एसएच और अन्य सड़कों पर निडर होकर निकलते है।

वाहन के सभी कागजात फेल

सड़क पर वाहनों की जांच करते हैं, कागजातों में कमी होने और परिवहन नियमों का उल्लंघन पर जुर्माना भी लगाता है। हद यह कि इतना सब करने के बावजूद इनका अपने ही वाहन पर ध्यान नहीं है। जी हां हम बात कर रहे है औरंगाबाद के परिवहन विभाग के महिंद्रा कमांडर जीप की, जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर-बीआर 26 बी 4777 है। यही वह वाहन है, जिसका सब कुछ फेल हैं। जब जिला परिवहन पदाधिकारी शैलेंद कुमार दास से बात की गई तो उन्होने स्वीकार किया कि वाहन के सभी कागजात फेल है। वाहन का इस्तेमाल होता है उन्होंने दावा किया कि वाहन परिवहन कार्यालय परिसर में खड़ा रहता है। हालांकि उनसे बातचीत के पहले ही परिवहन विभाग में ड्यूटी करने वाले गार्ड ने नाम नहीं उजागर करने की शर्त पर स्वीकार किया कि वाहन का इस्तेमाल होता है। उन्होंने यह स्वीकार किया कि यदि सारे कागजात फेल होने के बाद भी वाहन चल रहा है, तो यह सही नही है। डीटीओ ने यह भी जोड़ा कि संभव है कि वाहन को कभी किसी ने चलाया हो और आपकी उस पर नजर पड़ गई हो। डीटीओ की घुमा फिरा कर कही गई बातों के संकेत साफ है और खुद उनकी ही बातें साफ जाहिर कर रही हैं कि इस खटारा और सभी फेल कागजात वाला वाहन सड़क पर जरूर चलता है।


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