महाराष्ट्र सरकार ने ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूरे होने पर सभी स्कूलों में संपूर्ण गायन अनिवार्य कर दिया है. यह फैसला पहले 7 दिन के लिए लागू होगा, जिसमें स्कूलों में वंदे मातरम् का गायन किया जाएगा, इसके बाद सरकार फैसला करेगी कि इसे आगे जारी रखना है या नहीं.
बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के सभी विद्यालयों में ‘वंदे मातरम्’ के संपूर्ण स्वरूप में गायन करने का निर्णय लिया है। यह आदेश स्वर्गीय बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित ‘वंदे मातरम्’ गीत की रचना के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में जारी किया गया है. सरकारी आदेश के अनुसार, अब तक विद्यालयों में केवल ‘वंदे मातरम्’ के पहले दो पद गाए जाते थे, लेकिन 31 अक्टूबर 2025 (कार्तिक शुद्धि नवमी) को गीत की रचना को पूरे 150 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं. इस अवसर पर सभी विद्यालयों में पूरा वंदे मातरम् गीत गाया जाएगा.
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इसके साथ ही, स्कूलों में ‘वंदे मातरम्’ के इतिहास पर आधारित प्रदर्शनी लगाने का भी निर्देश दिया गया है, ताकि विद्यार्थियों को इस राष्ट्रगीत की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और महत्व की जानकारी मिल सके. सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि 31 अक्टूबर से 7 नवंबर 2025 तक राज्यभर के सभी विद्यालयों में यह अभियान चलाया जाएगा. इस अवधि में ‘वंदे मातरम्’ के संपूर्ण गायन के साथ-साथ प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी.
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शासन ने इस निर्णय से संबंधित संदर्भ पत्र की प्रति भी शिक्षा विभाग को भेजी है और सभी शैक्षणिक संस्थानों को इस आदेश का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है.
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भारत के राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के 150वें साल पूरे होने पर पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के 127वें एपिसोड में कहा कि यह एक ऐसा गीत है, जिसका पहला शब्द ही हमारे ह्रदय में भावनाओं का उफान ला देता है. वंदे मातरम इस एक शब्द में कितने भाव हैं, कितनी ऊर्जाएं हैं. सहज भाव में ये हमें मां-भारती के वात्सल्य का अनुभव कराता है. यही हमें मां-भारती की संतानों के रूप में अपने दायित्वों का बोध कराता है. अगर कठिनाई का समय होता है तो वंदे मातरम का उद्घोष 140 करोड़ भारतीयों को एकता की ऊर्जा से भर देता है. पीएम मोदी ने इस खास उपलक्ष्य पर लोगों से राय भी मांगी है.