महाराष्ट्र की सरकार में उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेटे मुश्किलों में फंसते दिखाई दे रहे हैं. अजित पवार के बेटे पार्थ पवार और उनकी कंपनी पर जमीन घोटाला करने का आरोप लगा है. दस्तावेजों से पता चलता है कि खरीदार ने सौदे को पंजीकृत कराने के लिए केवल 500 रुपये स्टांप ड्यूटी के तौर पर भुगतान किया गया. इतना ही नहीं, जमीन की कीमत 1800 करोड़ रुपये आंकी जा रही है लेकिन इसे महज 300 करोड़ में बेच दिया गया.
इस मामले पर विवाद बढ़ने पर राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने निष्पक्ष जांच की बात कही और संबंधित अधिकारियों पर एक्शन लेने की बात कही है. बताया जा रहा है कि तहसीलदार को निलंबित भी किया जा चुका है. अब इस मामले में पुणे पुलिस ने केस भी दर्ज कर दिया है.
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जानकारी के अनुसार, पुणे पुलिस ने बोपोडी क्षेत्र में सरकारी स्वामित्व वाली कृषि विभाग की जमीन को जाली दस्तावेजों का उपयोग करके हस्तांतरित करने के आरोप में पुणे शहर के तहसीलदार सुयोगकुमार येवले, बिल्डर शीतल तेजवानी और दिग्विजय पाटिल, अमाडिया के निदेशक, सहित 6 अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की है. सभी आरोपियों पर जालसाजी, धोखाधड़ी और विश्वासघात के लिए बीएनएस धारा 201, 316 (2), 316 (5), 318 (4), 336 (3), 336 (4), 338, 340 (2), 6 (2), 3 (5) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
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इस मामले में तेजवानी और पाटिल कोरेगांव पार्क भूमि घोटाले में भी आरोपी हैं, जिसमें 1,800 करोड़ रुपये मूल्य की 40 एकड़ महारवतन भूमि की अवैध बिक्री शामिल है, जिसे 5.89 करोड़ रुपये की स्टांप ड्यूटी माफी के साथ 300 करोड़ रुपये में बेचा गया था.
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सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि पार्थ पवार जमीन डील मामले में सभी जानकारी मैने मंगाई है. महसूल विभाग हो, IGR हो , लैंड रिकॉर्ड्स हो सभी जानकारी मंगाई गई है. मामले में जांच का भी आदेश दिया गया है. प्राथमिक जांच के आधार पर मुझे जो कुछ भी बोलना रहेगा मैं बोलूंगा. फिलहाल पूरी जानकारी नहीं आई है. प्राइमा फेसी मामला काफी गंभीर है, इसलिए इसपर पूरी जानकारी लेकर ही बोलना चाहिए.