महाराष्ट्र विधानसभा में गुरुवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा कि यदि कोई आरोपी गौ-तस्करी के मामले में बार-बार पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार गौ-तस्करी के मामलों पर कड़ी नजर रखे हुए है और इस अपराध को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई व्यक्ति बार-बार ऐसे मामलों में संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ मकोका जैसे सख्त कानून का उपयोग किया जाएगा, ताकि उसे कठोर सजा मिल सके और वह समाज के लिए खतरे का कारण न बने।
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मध्य प्रदेश सरकार भी गौ-तस्करों के खिलाफ कड़े कदम पिछले साल उठा चुकी है। सूबे की मोहन सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी किया था, पिछले साल मानसून सत्र में विधेयक लाया गया था, जो पारित हो गया था। इस विधेयक को राज्यपाल से अनुमति मिलते ही नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया था। नए कानूनों के तहत राजस्थान में गौ-तस्करी के मामलों में दोषी सिद्ध होने पर 7 साल की सजा का प्रावधान किया गया है।
गौ-तस्करी में इस्तेमाल वाहन को भी नए कानून के तहत जब्त किए जाने का प्रावधान बनाया गया था। प्रावधान किया गया था कि आरोपी सिर्फ कलेक्टर कोर्ट में ही याचिका दायर कर सकेगा। इसके अलावा किसी अन्य कोर्ट में आरोपी की सुनवाई नहीं होगी। नए विधेयक के बाद पुलिस को भी ज्यादा अधिकार मिले थे। पुलिस अपने स्तर पर भी आरोपी पर एक्शन ले सकती है।
हरियाणा में भी पुलिस को मिल चुकी अधिक पावर
हरियाणा भी इससे पहले गौ-मांस और तस्करी को रोकने के लिए कड़ा गौवंश और गौसंवर्धन कानून बना चुका है। कैबिनेट में प्रस्ताव पास होने के बाद पुलिस के अधिकार बढ़ाए गए थे। पहले पुलिस सिर्फ SDM की मौजूदगी में ही गौ-मांस और वाहन को जब्त कर सकती थी, लेकिन नए प्रस्ताव के मुताबिक हरियाणा पुलिस के सब इंस्पेक्टर को भी गौ-मांस और वाहन जब्त करने की पावर मिल चुकी है।
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